Punjab News: पंजाब के रहने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की 11 अक्टूबर को पुंछ (Poonch) सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान आत्महत्या से मौत हो गई. इसको लेकर विवाद जारी है. इस बीच अमृतपाल सिंह के परिवार से मिलने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने कहा है कि हम उन्हें शहीद का दर्जा देंगे. परिवार और पंचायत की मांग के अनुसार उनके नाम पर एक स्टेडियम बनाया जाएगा.


साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी. परिवार को सरकारी नौकरी दी जाएगी. हम पूरे पंजाब की ओर से उन्हें शहीद का दर्जा देंगे. हम केंद्र सरकार से अग्निवीरों को नियमित करने की मांग करेंगे.



भारतीय सेना ने क्या कहा?


इससे पहले भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को पुंछ सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान आत्महत्या से मौत हो गई और ऐसे मामलों में सैन्य अंत्येष्टि का अधिकार नहीं है. यह बयान अग्निवीर भर्ती को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर एक बड़े राजनीतिक विवाद के बाद आया है.  इसमें कहा गया है कि हर साल लगभग 100 से 140 सैनिक आत्महत्या या खुद को लगी चोटों के कारण अपनी जान गंवा देते हैं, ऐसे मामलों में सैन्य अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी जाती है.


'ऐसे मामले सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं'


बयान में कहा गया है, "आत्महत्या/खुद को लगी चोट के कारण होने वाली मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में सशस्त्र बलों की ओर से परिवार के साथ गहरी और स्थायी सहानुभूति के साथ-साथ उचित सम्मान दिया जाता है. लेकि‍न ऐसे मामले सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं हैं. 1967 के मौजूदा सेना आदेश के अनुसार इस विषय पर नीति का बिना किसी भेदभाव के लगातार पालन किया जा रहा है.''


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