Agniveer: माता-पिता चाहते थे विदेश जाए लेकिन संगरूर की ब्रह्मजोत ने चुनी देश सेवा, अग्निवीर के लिए हुआ चयन
Agnipath Scheme: पंजाब की ब्रह्म जोत कौर एक उदाहरण के तौर पर उभर कर सामने आई है. ब्रह्म जोत जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हुए टेस्ट के दौरान अग्निवीर के लिए चुनी गई है .
Agniveer Recruitment 2023: पंजाब के युवा जहां अच्छे भविष्य के लिए विदेश की ओर रुख कर रहे हैं. दरअसल, यहां लोगों में ये बात घर कर गई है कि पंजाब में कुछ नहीं बचा है. इस सोच के पीछे ये धारना है कि यहां न रोजगार है और न ही अच्छा भविष्य. ऐसे में ब्रह्मजोत कौर (Brahmjot Kaur) एक उदाहरण के तौर पर उभर कर सामने आई है कि अगर मेहनत और लगन हो तो हर चीज हासिल की जा सकती है. दरअसल, ब्रह्मजोत पूरे जम्मू कश्मीर और पंजाब में हुए टेस्ट के दौरान अग्निवीर (Agniveer) चुनी गई है .
देश सेवा की थी ख्वाहिश
वहीं, जब इसके बारे में ब्रह्मजोत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महज 22 साल की उम्र में वह अग्निवीर के जरिए देश की सेवा करने के लिए सामने आई हैं. उन्हें भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निवीर से फौज में आने का मौका मिला है. उसने बताया कि उनके माता-पिता यह चाहते थे कि वह विदेश जाएं और वहां पर अपना अच्छा भविष्य बनाएं. हालांकि, उसका पहले से ही एक सपना था कि वह भारत में फौज में रहकर भारत की सेवा करें. इसी वजह से अग्निवीर के तहत भर्ती के लिए उसने वहां पर अपनी किस्मत आजमाई और उन्हें सफलता भी मिली.
अग्निवीर को लेकर निराश होना ठीक नहीं है
वहीं, अग्निवीर में मात्रा चार वर्ष की सेवा होने पर ब्रह्मजोत कौर ने कहा कि इस सेवा के लिए भारत सरकार की ओर से 4 साल दिए जाते हैं, लेकिन इन 4 साल के बीच वह बहुत कुछ कर सकते हैं और इसके आधार पर वह आने वाले साल में भी इस नौकरी पर रह सकते हैं, क्योंकि अगर आप मेहनत करेंगे और साथ ही लगन के साथ अपना काम करेंगे तो जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ 4 साल के बाद ही सेना से अलग कर दिए जाएंगे, बल्कि इसके बाद भी सेना आपके काम और आपकी मेहनत को देखती है और उस हिसाब से आपको आगे भी मौके देती है.
माता-पिता भेजना चाहते थे विदेश
वही, ब्रह्म ज्योत के माता-पिता ने बताया कि वह पहले अपनी बच्ची को विदेशी भेजना चाहते थे, क्योंकि उनके रिश्तेदार के बच्चे भी विदेश गए हुए हैं. लिहाजा, इनकी भी ख्वाहिश थी कि ब्रह्म ज्योत भी विदेश जाकर अपना अच्छा भविष्य बनाए, लेकिन जब उन्होंने अपनी बच्ची की मेहनत देखी तो वह उस चीज से खुश हुए और उन्होंने अपनी बच्ची को जैसे वह चाहती है वैसे चलने के लिए उत्साहित किया. उन्हें आज खुशी है कि अग्निवीर के जरिए वह भारतीय सेना में अपनी सेवा निभाएगी.
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