Punjab News: पंजाब में लोकसभा चुनाव में मिली कड़ी हार के बाद अब अकाली दल में विरोध के स्वर उठने लगे हैं. लुधियाना के दाखा हलके के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक पर पोस्ट कर पार्टी नेताओं के फैसले पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि झुंडा कमेटी की रिपोर्ट लागू होने तक पार्टी गतिविधियों से दूर रहने का फैसला किया है.
अकाली विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने आगे लिखा कि शिरोमणि अकाली दल पंथ और पंजाब का सिरमौर संगठन है जिसका महान गौरव का इतिहास है, प्रांतू पिछले कुछ दिनों में पार्टी नेताओं द्वारा लिए गए फैसलों से अकाली दल में भारी गिरावट आई है. पार्टी पहले किसानों की पहचान करने में नाकाम रही और वर्तमान में पंजाब में चल रही साम्प्रदायिक विचारधारा. किसानों और पंथ और पंजाबियों का विश्वास हासिल करने के लिए पार्टी को आज बड़े फैसले लेने की जरूरत है, ताकि जमीनी स्तर पर पार्टी मजबूत हो सके.
कौन है मनप्रीत सिंह अयाली ?
पंजाब विधानसभा में मनप्रीत सिंह अयाली शिरोमणि अकाली दल के नेता हैं. उनके पिता गुरचरणजीत सिंह भी एक राजनीतिज्ञ रहे हैं. 6 जनवरी 1375 को जन्मे मनप्रीत सिंह अयाली ने 1988 में गांव में कृषि समिति के अध्यक्ष रहे थे. 2007 में वे लुधियाना जिला परिषद के अध्यक्ष भी बने थे. पहली बार वे 2012 से लेकर 2017 तक विधायक रहे. इसके बाद उन्होंने 2017 में वे हार गए थे, लेकिन 2019 में विधायक एचएस फुल्का के इस्तीफे के बाद उपचुनाव में वे फिर विधायक चुने गए. इसके बाद साल 2022 में उन्होंने फिर दाखा विधानसभा से चुनाव जीता.
बात दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में पहली बार अकाली दल बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ रहा था. इस चुनाव में अकाली ने सभी 13 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए , . लेकिन सिर्फ बठिंडा सीट पर अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ही जीत दर्ज पाई, बाकी की 12 सीटों पर अकाली दल के उम्मीदवारों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा.
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