Punjab Politics: अकाली दल के इस फैसले से पंजाब में गरमाई सियासत, BJP से गठबंधन की 'ना' पर उठने लगे सवाल
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में जाने से इनकार के बाद अब शिरोमणि अकाली दल की तरफ से बयान सामने आया है. अकाली दल इस उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाला है.
Punjab News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) से दूसरी बार गठबंधन करने की बात से साफ इनकार कर चुके शिरोमणि अकाली दल (SAD) के एक फैसले से पंजाब की सियासत गरमा गई है. नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के सस्पेंस पर जब अकाली दल नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा (Daljit Singh Cheema) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'नए संसद भवन का उद्घाटन गर्व का क्षण है और इस अवसर का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.'
आप और कांग्रेस पर कसा तंज
चीमा ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों पर इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने पर तंज कसते हुए कहा, 'आम आदमी पार्टी इसको राष्ट्रपति के सम्मान में पेश कर रही है. जबकि सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) के मन में राष्ट्रपति के लिए कितना सम्मान है, इसका अंदाजा तो इस बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति ने जब पंजाब का दौरा किया तो वो उनका स्वागत करने के लिए भी नहीं गए. सीएम मान राष्ट्रपति द्वारा नामित पंजाब के राज्यपाल का भी कितना सम्मान करते हैं? यह भी सबको पता है. कांग्रेस का संविधान के प्रति कितना सम्मान है. पार्टी ने कठोर इमरजेंसी लागू कर नागरिक अधिकारों को कुचला था.'
अकाली दल पर उठने लगे सवाल
इस फैसले के बाद अब पंजाब के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं होने लगी हैं कि एक तरफ अकाली दल बीजेपी से गठबंधन के लिए इनकार कर चुका है. अकाली दल की तरफ से कहा गया था कि उनका बसपा के साथ एक अच्छा गठबंधन चल रहा है. और उसे ही आगे लेकर चलने वाला है. वहीं बीजेपी की तरफ से भी कहा गया है कि वो भी अब अकाली दल से गठबंधन नहीं करने वाला है. दोनों दलों के गठबंधन से ना के बावजूद अकाली दल का संसद भवन के उद्घाटन समारोह शामिल होना अब सवाल खड़े करने वाला है. जबकि कांग्रेस और आप उद्घाटन समारोह शामिल होने से इनकार कर चुकी है.
सीएम पहले ही कर चुके हैं इनकार
आपको बता दें कि सीएम भगवंत मान ट्वीट कर पहले ही नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने से इनकार कर चुके हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि अगर नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए था. जब भी संसद का सत्र बुलाया जाता है, माननीय राष्ट्रपति प्रत्येक सांसद को सत्र में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र भेजते हैं. लेकिन नई संसद का उद्घाटन कराना त दूर की बात है उन्हें आमंत्रित तक नहीं किया गया. यदि माननीय राष्ट्रपति उद्घाटन करते तो जरूर जाते लेकिन अब नहीं जाएंगे.