Amar Sigh Chamkila: 36 साल बाद भी नहीं सुलझी अमर सिंह चमकीला की हत्या की गुत्थी, जानें पूरी कहानी
Amar Singh Chamkila Biography: अमर सिंह चमकीला पंजाबी गायकी इंडस्ट्रीज का ऐसा नाम है. जिनके लाखों फैंस थे. AK-47 से चमकीला उनकी पत्नी और साथियों की 8 मार्च 1988 को हत्या कर दी गई थी.
Punjab News: 1980 के दशक में अपने गानों से लोगों के दिलों पर राज करने वाले सिंगर अमर सिंह चमकीला पंजाबी म्यूजिक की दुनिया में सबसे पॉपुलर सितारा थे. उस दौर में चमकीला के ही सबसे ज्यादा कैसेट रिकॉर्ड होते थे और बिकते भी थे. लगभग 8 सालों तक चमकीला ने पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री पर राज किया. इसके बाद 8 मार्च 1988 को चमकीला अलगाववादियों की गोली का शिकार हो गए. चमकीला की दर्दनाक मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया था. उनका धनी राम से अमर सिंह चमकीला बनने का सफर काफी प्रभावशाली रहा.
21 जुलाई 1960 को लुधियाना के दुगरी गांव में जन्में धनी राम को करीबी की वजह से कपड़ा फैक्ट्री में काम करना पड़ा. 7 दिसंबर 1975 को महज़ 16 साल की उम्र में ही धनीराम की शादी गुरमेल कौर से हो गई. शादी के बाद उसके घर दो लड़कियां पैदा हुईं. हालांकि धनी राम का सपना कुछ और था. वो एक बड़ा सिंगर बनना चाहते थे. जब भी उसको समय मिलता वो गाने लिखने लग जाता. उसे जरूरत थी तो एक उस्ताद जो उसे मिल भी गया. धनी राम के टेलेंट को देखकर उस्ताद ने उसे रख लिया और उसका गाना गाकर उस्ताद भी सुपरहिट हो गया. जिसके बाद खुद के लिख गानों को धनी राम ने खुद गाना शुरू किया और देखते ही देखते एक सुपरहिट सिंगर बन गया. उनके उस्ताद व गायक सुरिंदर शिंदा ने धनीराम से खुश होकर उनका नाम अमर सिंह चमकीला रख दिया था.
चमकीला ने अमरजोत कौर के साथ बनाई जोड़ी
1977 के आसपास चमकीला का लिखा गाना सुरिंदर शिंदा ने गाया वो गाना सुपरहिट हो गया. यहीं से उनकी किस्मत खुल गई. फिर 1980 में टकुए ते टकुआ खड़कू नाम से आए एलबम चमकीला की पहली एलबम थी. इस एलबम ने उन्हें कामयाबी के शिखर पर पहुंचा दिया. उन्होंने इस एलबम में सुरिंदर सोनिया के साथ गाना गया था. उस समय एलबम से ज्यादा कमाई पंजाब में लगने वाले अखाड़ों से होती थी. तो चमकीला और सुरिंदर सोनिया ने मिलकर अखाड़े लगाने शुरू किए लेकिन सोनियों उन्हें कम पैसे देती थी जिस वजह से दोनों की जोड़ी टूट गई. इसके बाद उन्होंने फीमेल सिंगर अमरजोत कौर के साथ गाना शुरू किया और इन दोनों की जोड़ी को पंजाब में खूब पंसद किया जाने लगा. चमकीला नहीं चाहता था उनकी जोड़ी टूटे इसलिए शादीशुदा होने के बावजूद चमकीला ने अमरजोत कौर से दूसरी शादी कर ली. इन दोनों की जोड़ी ने कई सुपरहिट गाने दिए.
अश्लीलता की कैटेगरी में आने लगे चमकीला के गाने
अमर सिंह चमकीला और अमरजोत कौर के गाए गए गाने अश्लीलता की कैटेगरी में आने लगे. जिसकी वजह से आम युवा तो उनके गानों को पसंद करते थे लेकिन उनका विरोध भी होना शुरू हो गया. पंजाब के बाकि सिंगर्स का काम लगभग ठप्प हो चुका था. उस समय पंजाब में अलगाववाद का दौर था. अलगाववादियों ने चमकीला को धमकी दी कि वो अश्लील गाने गाना बंद कर दे. जिसके बाद 1986 में चमकीला ने अलगाववादियों से माफी मांगते हुए अश्लील गाने गाने से तौबा कर ली. जिसके बाद चमकीला और अमरजोत कौर ने धार्मिक गाने भी गाए. उनके गाए 21 के करीब धार्मिक गाने काफी फेमस भी हुए. जिनमें बाबा तेरा ननकाना और "तलवार मैं कलगीधर दी हां" जैसे धार्मिक गीत शामिल हैं.
चमकीला के गाने पर नाचने लगीं श्रीदेवी
चमकीला का क्रेज ऐसा था कि उनके गाए गानों की वजह से पंजाबी फिल्में हिट हो जाती थीं. 1987 में पंजाबी फिल्म पटोला में चमकीले के गाए गाने 'पहले ललकारे नाल मैं डर गई' काफी मशहूर हुआ और इस गाने की वजह से ये फिल्म सुपरहिट हो गई थी. उसी वक्त की बात है जब चमकीला एक शो के लिए कनाडा गया था. इस शो में बॉलिवुड एक्टर श्रीदेवी भी मौजूद थी. चमकीला ने स्टेज पर जब गाना गाया तो श्रीदेवी भी खुद को रोक नहीं सकी और उनके गाने पर नाचने लगी.
चमकीला की बढ़ती शोहरत के बाद अब उन्हें फिरौती के लिए धमकी भरी चिट्ठियां आने लगी. कईयों को तो पैसे भी दिए गए. चमकीला को मिलने वाली धमकियों की वजह से उनके साथी कलाकार भी उनका साथ छोड़ने लगे. तो चमकीला ने गाने चिंता मत करो जिस गोली पर मेरा नाम लिखा होगा वो गोली आखिर मेरे लिए ही आएगी उनका कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि सिंगर तो मैं ही हूं ना.
8 मार्च 1988 AK-47 से हुई गोलियों की बौछार
फिल्लौर के पास महसमपुर गांव में 8 मार्च 1988 अमर सिंह चमकीला का अखाड़ा था. दोपहर डेढ़ बजे के करीब जैसे ही चमकीला और अमरजोत कौर अपनी गाड़ी से उतरे उनपर AK-47 से गोलियों की बौछार कर दी गई. इस गोलीबारी में पहले अमरजोत कौर और फिर अमर सिंह चमकीला की मौत हो जाती है. इसके साथ उनके ढोलक बजाने वाले बलदेव सिंह और एक और साथी हरजीत सिंह गिल की भी मौत हो गई. पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में चमकीले के स्टेज कॉओरडिनेटर मणकू ने बताया कि हमलावरों ने चमकीला की लाश पर एक चिट्ठी रखी और उसकी लाश के पास भंगड़ा डालने लगे. इस चिट्टी फर लिखा था कि हमने कहा था कि ऐसा मत कर लेकिन नहीं ये नहीं माना.
36 साल बाद भी नहीं पकड़े गए कातिल
अमर सिंह चमकीला को मारने वाले कातिल कौन थे ये आज तक कोई नहीं जान पाया है. पुलिस ने इसे अलगाववादियों की हरकत बताकर केस की तफ्तीश की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. हालांकि चमकीले के कत्ल के पीछे कई थ्योरीज़ हैं. कुछ लोगों का कहना था कि चमकीले को मरवाने के पीछे अमरजोत कौर के घरवालों का हाथ था और ये ऑनर किलिंग का मामला था क्योंकि चमकीला दलित थे और अमरजोत कौर जट सिख थी.
लेकिन चमकीले के मैनेजर कुलविंदर कुक्की ने एक इटरव्यू में बात का खंडन किया. दोनों परिवारों की सहमति से ही अमर सिंह चमकीला और अमरजोत कौर की शादी हुई थी. कुछ लोगों का मानना है कि चमकीला के अश्लील गानों से वे अलगाववादी के निशाने पर आ गए. वहीं कुछ का कहना है चमकीला की मौत के गायक थे अपना कॉम्पिटीशन खत्म करने के लिए उन्हें मरवा दिया गया. लेकिन आज तक पता नहीं चल पाया कि आखिरकार चमकीला की हत्या किस वजह से की गई.
यानी कुल मिलाकर बात ये है कि पंजाबी गायकी का ऐसा सितारा जो ऐसा चमका की चमकीला हो गया और आखिरकार गोलियों की आवाज़ों ने इस गायक की गायकी को हमेशा के लिए खामोश कर दिया. चमकीला पर दिलजीत दोसांझ की मूवी भी नेटफलिक्स पर रिलीज़ हुई है.
भूपेंद्र सोनी की रिपोर्ट
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