अजनाला से शिरोमणी अकाली दल के पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बोनी अजनाला (Amarpal Singh Boni Ajnala) दो अन्य नेताओं के साथ बुधवार (15 फरवरी) को बीजेपी में शामिल हो गए. अजनाला ने हाल ही में अकाली दल छोड़ा था. बताया जा रहा है कि वह अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) से नाराज चल रहे थे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अकाली दल के पूर्व विधायक को पार्टी की सदस्यता दिलाई.


शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ अनबन के बीच अजनाला ने  शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को अपना इस्तीफा सौंपने से पहले  बोनी ने अजनाला में अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी. उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे उन्हें उनके अगले कदम को लेकर सुझाव दें.


Door to Door Registration Scheme: पंजाब सरकार का बड़ा ऐलान, अफसर आपके घर आकर करेंगे संपत्ति की रजिस्ट्री


दरअसल उन्होंने यह कदम पार्टी द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जोध सिंह समरा को उनके स्थान पर अजनाला का हलका प्रभारी नियुक्त किए जाने के कुछ दिनों बाद उठाया था. इस बात से नाराज होकर अजनाला ने शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को सौंपे अपने इस्तीफे में लिखा था कि मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है क्योंकि आपके नेतृत्व में पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, जिन लोगों ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया उन्हें हलका प्रभारी और अन्य पदों पर नियुक्त किया जा रहा है.


'पंजाब के लोगों की भलाई करने वाली पार्टी नहीं रह गई है शिअद'


अजनाला ने कहा था कि अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा पंजाब, पंजाबी, पंजाबियत और सिख पंथ की भलाई के लिए दिए गए निर्देशों और इकबाल सिंह झुंडा समीक्षा पैनल की सिफारिशों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. इन सब बातों के मद्देनजर अब शिअद संवैधानिक और सार्वजनिक रूप से पंजाब के लोगों की भलाई करने वाली पार्टी नहीं रह गई है. ऐसे माहौल में मेरा पार्टी में रहना ठीक नहीं है. इसलिए मैं आपको अपना इस्तीफा भेज रहा हूं.


इससे पहले भी दे चुके हैं शिअद से इस्तीफा


बता दें कि बोनी अकाली दल के पूर्व सांसद और विधायक रतन सिंह अजनाला के बेटे हैं और  यह दूसरी बार है जब उन्होंने पार्टी छोड़ी. वह 2007 और 2012 में यानी दो बार अजनाला से विधायक रह चुके हैं. इससे पहले उन्होंने दिसंबर 2018 में  अपने पिता और स्वर्गीय रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा सहित अन्य विद्रोहियों द्वारा बनाए गए शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी.