Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए 18 मार्च से सर्च ऑपरेशन जारी है. पंजाब पुलिस अभी तक खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को नहीं पकड़ पाई है, लेकिन उसके समर्थकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. एबीपी की सहयोगी वेबसाइट एबीपी माझा पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार, 7 दिन की कार्रवाई में अब तक 207 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें से 30 पर आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है. जबकि अन्य 117 लोगों को धारा 107, 151 के तहत हिरासत में लिया गया है. 


अमृतपाल सिंह पंजाब से निकलकर दूसरे राज्य में पहुंच गया है. उसे आखिरी बार हरियाणा के कुरुक्षेत्र में देखा गया था. पुलिस सीसीटीवी की मदद से उसकी लॉकेशन को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है. इस बीच 6 राज्यों की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है. इन छह राज्यों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड और महाराष्ट्र का नाम शामिल है. हालांकि पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई पर कई सवाल भी उठ रहे हैं. विपक्षी दल भी इस मामले पर पंजाब सरकार को घेरने लगी है. पंजाब सरकार से पूछा जा रहा है कि सरकार द्वारा राज्य के 'मासूम' युवाओं को गिरफ्तार क्यों करवाया जा रहा है.


विपक्ष दल भी कर रहे विरोध


शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस द्वारा पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस का विरोध किया जा रहा है. शिरोमणि अकाली दल ने तो एक लीगल टीम तक का गठन कर दिया है. वहीं कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा का भी युवाओं की गिरफ्तारी को लेकर बयान सामने आया है. बेशक अमृतपाल के समर्थन में पंजाब में अभी कोई प्रदर्शन नहीं हो रहे है लेकिन लगातार उठ रहे सवालों के बाद अब पंजाब सरकार भी नरम रूख अपना रही है. 


किसी बेगुनाह पर नहीं होगी कार्रवाई


आईजी सुखचैन गिल ने कहा है कि किसी भी बेगुनाह के साथ कोई अन्याय नहीं होगा. जल्द ही 177 युवाओं को रिहा कर दिया जाएगा. इसके अलावा बिना किसी वजह किसी को परेशान नहीं किया जाएगा. गिल ने कहा है कि अमृतपाल के 30 कट्टर समर्थकों पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. आपको बता दें कि पुलिस की तरफ से यह सफाई 27 मार्च को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद आई है.


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