Giani Harpreet Singh On Amritpal Singh Surrender: पंजाब (Punjab) के बठिंडा (Bathinda) में भारी सुरक्षा बंदोबस्त से चिंतित अकाल तख्त (Akal Takht) के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) ने शुक्रवार को राज्य सरकार से कहा कि वह बैसाखी (Vaisakhi) से पहले दहशत फैलाने की कोशिश न करे. उन्होंने कहा कि बहुत सारे प्राइवेट मीडिया चैनल ने अकाल तख्त के बारे में कहा कि अमृतपाल सिंह यहां छुपा हुआ है, ऐसा नहीं है. हमारे ख्याल से अमृतपाल को सरेंडर कर देना चाहिए. सरकार को पता चले कि हम डरकर घर बैठने वाले नहीं हैं. किसी को डरने-घबराने की जरूरत नहीं है. पंजाब के लोग बहादुर हैं. सरकार हमारे साथ संवाद करे, हम संवाद करने के लिए तैयार हैं.


दरअसल, जत्थेदार ने शुक्रवार को तख्त दमदमा साहिब में सिख और पंजाबी पत्रकारिता की भूमिका, सिख मीडिया के योगदान के साथ-साथ वर्तमान में राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक विशेष सभा बुलाई थी. यह सभा ऐसे समय में बुलाई गई है, जब इस सीमावर्ती राज्य में अलगाववादी ताकतों के उदय के बारे में चिंता व्यक्त की जा रही है. विशेष रूप से कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में अजनाला थाने पर हमले के कारण कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर चिंता सामने आई है.


ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सरकार से कही ये बात


वहीं अमृतपाल सिंह फिलहाल फरार है और पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित किया है. सभा को संबोधित करते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि कड़ी सुरक्षा के कारण इस बार बैसाखी से पहले सामान्य से काफी कम संख्या में श्रद्धालु यहां आए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हर साल, हम भारी भीड़ देखते हैं, जो (बैसाखी के लिए) पांच अप्रैल से शुरू होती है, लेकिन (फिलहाल) संगत की संख्या महज 10 फीसदी है. इसका कारण सरकार की ओर से फैलाई गई दहशत है." जत्थेदार ने कहा, ‘‘मैं इस मंच के माध्यम से पंजाब सरकार को कहना चाहता हूं कि इस सख्ती से दहशत पैदा हुई है, इसे खत्म किया जाना चाहिए.’’


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