Exclusive: सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर था अमृतपाल सिंह, फिर पंजाब पुलिस के हाथ आते-आते कैसे बचा?
Amritpal Singh Case: अमृतपाल सिंह ने तीन दिन पहले हरियाणा होते हुए वापस पंजाब का सफर शुरू किया. हरियाणा के करनाल और पंजाब के आनंदपुर साहिब होते हुए अमृतपाल 28 मार्च की शाम को फगवाड़ा पहुंचा.
Amritpal Singh Arrest Operation: वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह लगातार भागता फिर रहा है. वहीं पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही है. इस बीच अमृतपाल सिंह को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल 26 मार्च को अमृतपाल सिंह यूपी के पीलीभीत में था. 18 मार्च को अमृतपाल पंजाब से हरियाणा के रास्ते यूपी भागा था. वहीं पीलीभीत से अमृतपाल ने तीन दिन पहले हरियाणा होते हुए वापस पंजाब का सफर शुरू किया. हरियाणा के करनाल और पंजाब के आनंदपुर साहिब होते हुए अमृतपाल 28 मार्च की शाम को फगवाड़ा पहुंचा.
अमृतपाल ने अलग-अलग गुरुद्वारों में रात बिताई और पनाह ली. पुलिस के मुताबिक आनंदपुर साहिब में रुकने की व्यवस्था न होने के कारण अमृतपाल फगवाड़ा के छोटे गुरद्वारा में पहुंचा और उत्तराखंड नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी वहां छोड़कर इनोवा में सवार हुआ. तब तक पंजाब पुलिस का काउंटर इंटेलिजेंस विंग हरकत में आ चुका था. अमृतपाल को घेरने के लिए रावलपिंडी पुलिस स्टेशन के बाहर नाकेबंदी की गई. अमृतपाल की इनोवा से आगे एक एडवांस गाड़ी थी, उसे पुलिस ने नाके पर रोका तो पीछे आ रहे अमृतपाल को इसकी जानकारी मिल गई.
दीवार फांदकर खेतों में भागा अमृतपाल सिंह
अमृतपाल की इनोवा गाड़ी ने वहीं से यू-टर्न ले लिया. अमृतपाल की गाड़ी घूमते ही एक पुलिस अफसर ने अमृतपाल की गाड़ी का पीछा किया. 500 मीटर की दूरी पर अमृतपाल ने गांव के गुरुद्वारा साहिब के पास इनोवा छोड़ी और दीवार फांदकर खेतों में भाग निकला. रात के अंधेरे में पुलिस अमृतपाल को खोज नहीं पाई. एक तरह से पुलिस के सामने से भाग निकला अमृतपाल और पुलिस देखती रह गई. गांव के एक शख्स ने पसीने से तर-बतर हालत में एक नौजवान के भागते हुए रास्ते में मिलने की तस्दीक भी की है.