Punjab News: वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार चल रहा है. अभी तक पुलिस अमृतपाल के करीब तक नहीं पहुंच पाई है. इस बीच वारिस पंजाब दे चीफने स्वर्ण मंदिर में बैसाखी पर "सरबत खालसा" बुलाने की मांग को जत्थेदारों से की थी. उम्मीद तो यह की जा रही थी कि जत्थेदार उसकी मांग को नहीं मानेंगे लेकिन दमदमा साहिब में अकाल तख्त प्रमुख की ओर से सात सितंबर को 'विशेष सभा' की कॉल ने सभी को चौंका दिया है. अकाल तख्त के ऐलान के बाद से पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. माना जा रहा है कि विशेष सभा की बैठ के दौरान शुक्रवार को अमृतपाल सिंह आत्मसमर्पण कर सकता है.
दरअसल, अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हप्रीत सिंह द्वारा तलवंडी साबो के तख्त श्री दमदमा साहिब में सात अप्रैल विशेष सभा की बैठक बुलाई है. पंजाब के हालात को देखते हुए इस बैठक पर सुरक्षा एजेंसियां पैनी नजर है. इसके अलावा अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख समुदाय से तख्त श्री दमदमा साहिब में 12 अप्रैल से 15 अप्रैल तक बैसाखी समागम में शामिल होने की अपील की है.
जत्थेदार के सामने अमृतपाल कर सकता है समर्पण
इससे पहले वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह ने एक वीडियो जारी कर जत्थेदार से 'सरबत खालसा' बुलाने की मांग की थी. इतना ही नहीं अमृतपाल सिंह ने जत्थेदारों से अकाल तख्त से तख्त श्री दमदमा साहिब तक 'खालसा वहीर' (धार्मिक जुलूस) निकालने की अपील की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह माना जा रहा है कि बैसाखी पर 'सरबत खालसा' के दौरान अमृतपाल की अपील को जत्थेदार स्वीकार करेंगे. पंजाब पुलिस का अनुमान है कि "वारिस पंजाब डे" के प्रमुख अमृतपाल सिंह कार्यक्रम के दौरान जत्थेदार के सामने आत्मसमर्पण कर सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए पंजाब पुलिस ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. साथ ही प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना करने के लिए तलवंडी साबो में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. बता दें कि अमृतपाल 18 मार्च से पुलिस की कार्रवाई के बाद से फरार चल रहा है. भगोड़े की तलाश कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगर सरबत खालसा के दौरान अमृतपाल दिखाई देता है तो बड़ी राहत होगी क्योंकि वह कथित तौर पर डेरे सहित धार्मिक स्थलों पर शरण ले रहा था. पुलिस अभी धार्मिक स्थलों पर छापेमारी से बच रही है. पंजाब पुलिस को इस बात की आशंकाहै कि पुलिस की छापेमारी से लोगों में गलत संदेश जाएगा.
पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर
अधिकारियों को इस बात की भी उम्मीद है कि जत्थेदार अमृतपाल को "विशेष सभा" का उपयोग एक बड़ा पद ग्रहण करने या तख्त श्री दमदमा साहिब में शरण लेने के लिए नहीं करने देंगे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि, पुलिस को उम्मीद थी कि स्वर्ण मंदिर में बैसाखी पर "सरबत खालसा" बुलाने की अमृतपाल की मांग को जत्थेदार नहीं मानेंगे. यही वजह है कि तख्त दमदमा साहिब में पुलिस के अलावा राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं.
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