Amritpal Singh Arrested: वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का कोई प्रभाव उनके गांव में दिखाई नहीं दिया. आम दिनों की तरह ही रविवार को भी सबकुछ आराम से चलता रहा. लेकिन जिन नशा मुक्ति केंद्रों में अमृतपाल नशा छुड़ाने का दावा करता था, उन नशा केंद्रों के बारे में अब सच्चाई निकलकर सामने आ रही है. अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद गांव के लोगों का कहना है कि इन नशा केंद्रों में गांव के कोई इक्का-दुक्का लोग ही जाते थे. जबकि बाहर से नशा छुड़ाने के लिए लोगों को लाया जाता था.
गांव के लोग आज भी करते है नशा
गांव के लोगों का कहना है कि अमृतपाल के नशा केंद्रों में नशेड़ियों की संख्या तो 100 के करीब रहती थी लेकिन नशा छुड़ाने की बात करने वाले अमृतपाल के खुद के गांव में 25 से 30 लोगों का नशा आज तक छुट पाया है वो पहले भी नशा करते थे और अब भी नशा करते है. यही नहीं इस गांव में पहले भी नशा बिकता था और आज भी बिक रहा है. जिसपर आजतक ना तो अमृतपाल ने ध्यान दिया और ना ही पुलिस ने. बताया जा रहा है कि अमृतपाल के फरार होने के बाद से जल्लुपुर से गांव भिंडर को जाने वाले रास्ते पर 24 घंटे पुलिस का पहरा रहता है लेकिन इसके बावजूद नशा बिकता रहा है.
उजड़ चुका अमृतपाल का नशा केंद्र
गांव के लोगों का कहना है कि अमृतपाल की तरफ से गुरुद्वारा साहिब की तरफ से जमीन लेकर नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा था. लेकिन अमृतपाल के फरार होने के बाद से ये नशा मुक्ति केंद्र उजड़ गया, यहां रहने वाले सेवादारों को खाना तक नहीं मिल रहा था इसलिए वो अपने घरों की ओर लौट गए है.
युवा उठते ही करने लगते है नशा
अमृतपाल के गांव के बुजुर्गों का कहना है कि गांव नशेड़ी युवा सुबह उठते ही नशा करना शुरू कर देते है. इन नशेड़ियों ने खंडहर में बदले हुए मकानों को अपना ठिकाना बनाया हुआ है. यहीं नहीं ये नशेड़ी युवा लोगों से लूटपाट भी करते है, फिर इन लूट के पैसों से नशा तस्करों से नशा खरीदते है.