Haryana Political Crisis: हरियाणा में मंलगवार (12 मार्च) को नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ लेकिन इस समारोह का रंग तब फीका पड़ गया, जब बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री अनिल विज ने इससे दूरी बना ली. नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से वो नाराज बताए जा रहे हैं. अनिल विज की नाराजगी पर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वो पार्टी के बहुत सीनियर नेता हैं. यह उनका स्वभाव है कि वह कभी-कभी नाराज भी हो जाते हैं लेकिन बाद में वो जल्दी ही मान जाते हैं.


मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "हम लोग उनसे (अनिल विज) से बात करेंगे. यहां तक कि नए सीएम भी उनसे बात करेंगे." इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हम हरियाणा में दस सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हमलोग नये नेतृत्व को सामने लाते हैं. 


मनोहर लाल खट्टर ने क्या कहा?


मनोहर लाल खट्टर ने आगे कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नये सीएम आये. लोकसभा का चुनाव सिर पर हैं इसलिए निर्णय लिया गया है कि नये सीएम को लाया जाए. विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने का निर्णय लिया गया है, मैं काफी निश्चिंत हूं. केंद्रीय नेतृत्व ने नई जिम्मेदारी देने के लिए बोला है. संसदीय दल इसका निर्णय लेगी."


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कौन हैं नायब सिंह सैनी?


अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं और पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के बीजेपी के प्रयास के तौर पर देखा गया था. राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है. माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है. 


नायब सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है. वह बीजेपी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं. साल 2012 में उन्हें बीजेपी ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए.