Attari-Wagah Border Beating Retreat Ceremony: भारत की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर पंजाब के अमृतसर के अटारी-वाघा वॉर्डर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया गया. इस मौके पर वहां मौजूद लोग उत्साह काफी दिख रहा और देश भक्ति के गानों के बीच वह जोश के साथ झूमे. बता दें कि अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत साल 1959 में हुई थी. बीटिंग द रिट्रीट में टकराव के मौके पर भाईचारे और सहयोग का प्रदर्शन किया जाता है. इस दौरान भारत-पाकिस्तान के देशों के जवान मार्च करते हैं. इस मौके पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच ये सेरेमनी होती है. इसे देशभर से लोग देखने आते हैं.


बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी क्या है?


अटारी वाघा बॉर्डर पर रोज शाम राष्ट्रीय ध्वज उतारते समय ये सेरेमनी होती है. बीएसएफ और पाक रेंजर्स  के बीच ये सेरेमनी होती है. मेन सेरेमनी कुल 156 सेकेंड की होती है.






दो साल बिना दर्शक के हुई थी सेरेमनी


देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर अटारी पर भारतीय सेना की ताकत पाकिस्तान भी देख रहा है. कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से दर्शक इस बीटिंग द रिट्रीट को नहीं देख पा रहे थे. इस बार अटारी से लेकर अमृतसर की तरफ करीब 5 किलोमीटर तक लंबी लाइन लगी हुई हैं, इस बार अटारी पर इस जश्न को देखने के लिए काफी लोग आए हैं. कम से कम 10 हजार लोग इस जश्न को देखने के लिए आ रहे हैं.


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