Chandigarh News: हरियाणा मंत्रिमंडल ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण के अनुपात के संबंध में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सोमवार को स्वीकार कर लिया. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि प्रत्येक नगर निकाय में कम से कम एक पार्षद पिछड़ा वर्ग ‘‘ब्लॉक-ए’’ से संबंधित होगा, यदि इस उप-श्रेणी की जनसंख्या शहरी स्थानीय निकाय की कुल आबादी के दो प्रतिशत से कम नहीं है. 


CM खट्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक
राज्य में कुल 78 पिछड़े वर्ग हैं और उनमें से करीब 70 ‘‘ब्लॉक-ए’’ उप-श्रेणी में आते हैं. न्यायमूर्ति (अवकाशप्राप्त) दर्शन सिंह की अध्यक्षता वाले आयोग ने पिछड़े वर्गों के राजनीतिक पिछड़ेपन का मूल्यांकन किया. आयोग ने अपने मूल्यांकन में पाया कि ‘‘ब्लॉक-ए’’ को राजनीतिक व्यवस्था में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए उन्हें शहरी स्थानीय निकायों एवं नगरपालिकाओं के चुनावों में आरक्षण की आवश्यकता है ताकि जमीनी लोकतांत्रिक व्यवस्था में उनकी पर्याप्त भागीदारी हो सके. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में सोमवार की शाम यहां मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया. 


इस तरह किया गया आरक्षित
आपको बता दें कि प्रत्येक नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषद में पार्षद का पद नागरिकों के ब्लॉक-ए के पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित होगा. शहरी स्थानीय क्षेत्र, उस शहरी स्थानीय क्षेत्र में कुल आबादी के नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी. लेकिन यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक निकाय में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पार्षद होगा. नगर पालिकाओं, नगर निगमों और नगर परिषदों में महापौरों/अध्यक्षों के पदों की संख्या का 8 प्रतिशत नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए के लिए आरक्षित होगा.


यह भी पढ़ें: Manipur News: मणिपुर में फंसे स्टूडेंट्स की घर वापसी की कवायद शुरू, 5 बच्चे पहुंचे घर, सीएम खट्टर ने खुद संभाली कमान