Bathinda में 2 मासूम बच्चों की बली देने के मामले में तांत्रिक समेत परिवार के 7 सदस्यों को उम्रकैद, 6 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
Punjab: बूआ को बेटा नहीं हो रहा था तो 8 मार्च 2017 की रात बठिंडा जिले में 8 साल रणजोध सिंह और इसकी 3 साल की बहन अनामिका कौर को उसके ही परिवार ने तांत्रिक के बहकावे में आकर घर पर ही बली दे दी थी.
Punjab News: पंजाब के बठिंडा (Bathinda) बहु चर्चित भाई-बहन बली कांड में कोर्ट ने तांत्रिक समेत 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सजा के ऐलान के बाद तांत्रिक कोर्ट में ही रोते हुए जज से रहम की भीख मांगने लगा. सजा पाने वाले अन्य छह व्यक्तियों में बच्चों की दादी, माता-पिता व अन्य परिजन शामिल हैं. इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बलजिंदर सिंह सारा की कोर्ट में चल रही थी. सजा पाने वालों में एक परिवार की चार महिलाएं दो पुरुष शामिल हैं.
दरअसल, 8 मार्च 2017 की रात बठिंडा जिले के कोटफता गांव में 8 साल रणजोध सिंह और इसकी 3 साल की बहन अनामिका कौर को उसके ही परिवार ने तांत्रिक लखविंदर सिंह लखी के बहकावे में आकर घर पर ही बली दे दी थी. दरअसल, रणजोध सिंह की बुआ को कोई संतान नहीं हो रही थी इस वजह से मासूम बच्चों की जान ले ली गई. वहीं कोर्ट ने तांत्रिक लखविंदर उर्फ लखी, दादी निर्मल कौर, पिता कुलविंदर सिंह, मां रणधीर कौर उर्फ रोजी, चाचा जसप्रीत सिंह, बुआ रमनदीप कौर उर्फ अमनदीप कौर और गगनदीप कौर उर्फ गगन को उम्रकैद की सजा सुनाई.
लोगों ने बनाई थी एक्शन कमेटी
वहीं लोगों को भविष्य बताने वाला मुख्य आरोपी तांत्रिक लखविंदर लखी सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट में ही हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगने लगा. चर्चित बली कांड की सुनवाई को लेकर दोपहर बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ कोर्ट में पहुंची थी. कोर्ट कर्मचारी और वकील भी इनमें मौजूद रहे. वहीं दोनों बच्चों को न्याय दिलाने के लिए लोगों ने एक्शन कमेटी का गठन किया था. कमेटी नेता भाई परंजीत सिंह जग्गी बाबा व बलजिंदर सिंह कोटभरा ने बताया कि जाने-माने वकील चरणपाल सिंह बराड़ ने कोर्ट के समक्ष सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी.