Punjab News: भाखड़ा-ब्यास प्रबंध बोर्ड के नियमों में हुए बदलाव का मुद्दा पंजाब की सियासत में छाया हुआ है. कांग्रेस समेत पंजाब के सभी राजनीतिक दलों की ओर से नियमों में हुए बदलाव का विरोध किया जा रहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने इस मुद्दे को उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलने का समय मांगा है.
सीएम चन्नी ने इस मुद्दे को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए शाह से मिलने का समय मांगा है. इससे पहले, 28 फरवरी को पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की थी और कहा था कि बीबीएमबी के दो सदस्यों के चयन के लिए नियमों में किया गया बदलाव पंजाब और हरियाणा के हितों के लिए नुकसानदेह होगा. सिंह ने राज्यपाल को इस मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें केंद्र के समक्ष यह मुद्दा उठाने की गुजारिश की गई थी.
नियमों में बदलाव करने को लेकर विवाद हो गया है और पंजाब के कई सियासी नेताओं ने केंद्र के कदम का विरोध किया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कुछ नेता जानबूझकर इस मामले पर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं.
इसलिए हो रहा है विरोध
बीबीएमबी पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत वैधानिक निकाय है जो सतलुज और ब्यास के जलाशयों का प्रबंध करता है. इसका एक पूर्णकालिक अध्यक्ष होता है और दो सदस्य होते हैं. परंपरा के मुताबिक, एक सदस्य (बिजली) हमेशा पंजाब से होता है और दूसरा सदस्य (सिंचाई) हरियाणा से होता है. उनका चयन वरिष्ठ अभियंताओं की एक समिति करती है.
अब नियमों में बदलाव किया गया है जिसके तहत इन पदों के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है. शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि यह बदलाव पंजाब के हितों के साथ समझौता है. कांग्रेस की हरियाणा यूनिट की ओर से भी नए नियमों का विरोध किया जा रहा है.