नशामुक्त पंजाब की निर्णायक जंग
पंजाब सरकार नशे के तस्करों के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है. सरकार ने कैबिनेट कमेटी बनाई है और विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए हैं. पुलिस को तीन महीने में नशे के अड्डे बंद करने का निर्देश दिया गया है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर पंजाब पुलिस ने राज्य में नशा तस्करों के खिलाफ निर्णायक जंग शुरू की है. पंजाब में नशा तस्करों को जड़ से मिटाने के लिए उनकी खोजबीन कर तत्काल कार्रवाई की जा रही है.
बनाई गई हाई पावर कमेटी
मान सरकार ने राज्य में नशे के व्यापार की रोकथाम के लिए पांच सदस्यीय कैबिनेट कमेटी गठित की है. यह कमेटी राज्य में नशा तस्करों के खिलाफ हो रही कार्रवाई की निगरानी करेगी. यह कमेटी ग्राउंड पर जाकर काम करेगी. गांव स्तर पर लोगों के बीच जाएगी. उनसे बातचीत करेगी. साथ ही यह भी देखेगी कि सरकार की मुहिम अच्छे तरीके से चल रही है या नहीं. कमेटी सीएम भगवंत मान को अपनी रिपोर्ट देगी. इसके बाद सुधार की प्रक्रिया चलेगी.
विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एलान किया है कि राज्य सरकार ने नशे के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति न रखने की नीति अपनाई है. इस समस्या के खिलाफ व्यापक लड़ाई शुरू कर रही है. सरकार नशे के मामलों की तेजी से सुनवाई और दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करेगी.
नशे के अड्डों पर बनेंगे ज्ञान केंद्र
बीते दिन पंजाब पुलिस ने लुधियाना के नारंगवाल गांव में नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया था. अब सीएम मान ने कहा है कि उस जमीन पर एक लाइब्रेरी बनाई जाएगी ताकि युवाओं को नशे की समस्या के बारे में जागरूक किया जा सके.
तीन महीने में खत्म हों नशे के अड्डे
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक बैठक में पंजाब के पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी से तीन महीने के अंदर नशे के अड्डों का समूल नाश करने को कहा है. इसके बाद सरकार नशा विरोधी कार्यक्रम की प्रगति का मूल्यांकन कर इसमें कोताही बरतने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
मान सरकार उठा रही प्रभावी कदम
पंजाब में व्यापक नशामुक्ति अभियान के लिए 529 से अधिक ओओएटी क्लीनिक और 306 से अधिक पुनर्वास केंद्रों का मजबूत नेटवर्क बनाया गया है. इससे नशे से पीड़ित लोगों को सहारा देकर उन्हें वापस सामान्य जीवन में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उनको विभिन्न कामों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि वह अपनी आजीविका का इंतजाम कर सकें.
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