'रंगला पंजाब' के अपने वादे को जमीन पर उतारने के लिए पंजाब सरकार कड़ी मेहनत कर रही है. पंजाब सरकार के कार्यों से पंजाब के बच्चों को शिक्षा के साथ ही ज्ञान, नैतिकता और संवेदनशीलता से परिचित करवाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार साक्षर और शिक्षित पंजाब के लिए कई नीतियों और योजनाओं पर काम कर रही है. पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं. पंजाब शिक्षा क्षेत्र में तरक्की की नई गाथा लिख रहा है.
स्कूल ऑफ हैप्पीनेस का उद्देश्य
पंजाब में प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों को तनावमुक्त शिक्षा प्रदान देने तथा प्राथमिक शिक्षा में सुधार लाने के लिए मान सरकार इस वर्ष स्कूल ऑफ हैप्पीनेस शुरू करने जा रही है. पंजाब शिक्षा विभाग की ओर से पहला स्कूल स्कूल ऑफ हैप्पीनेस श्री आनंदपुर साहिब के लखेर गांव में खुलेगा.
स्कूल ऑफ हैप्पीनेस के माध्यम से पंजाब सरकार का उद्देश्य स्कूलों के बुनियादी ढांचे को विकसित करना, मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाना और पूरे राज्य में पोषण के साथ सीखने का बेहतर माहौल बनाना है.
ऐसे होंगे स्कूल ऑफ हैप्पीनेस
स्कूल ऑफ हैप्पीनेस के रूप में परिवर्तित किए गए स्कूलों में आठ कक्षाएं, एक कंप्यूटर लैब और हर कक्षा में इंटरेक्टिव पैनल होंगे. इसके साथ ही इन स्कूलों में बैडमिंटन, क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों की सुविधा रहेगी.
इसके साथ ही इन स्कूलों में मासिक स्वास्थ्य जांच और छात्र क्लबों का गठन किया जाएगा. साथ ही बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें कला, संगीत और नृत्य सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
इन स्कूलों में रंग-बिरंगे फर्नीचर, आकर्षक पैनल बोर्ड और 'बैग-फ्री सैटरडे' जैसी विशेषताएं शामिल होंगी. स्कूल ऑफ हैप्पीनेस में किताब-कॉपी, पेन-पेंसिल, ब्लैकबोर्ड, एग्जाम से दूर बच्चों के लिए कहानियां होंगी, सोचने-समझने की एक्सरसाइज होगी.
इस पहल के तहत पंजाब में कम से कम 132 'स्कूल ऑफ हैप्पीनेस' शुरू करने की योजना है. इनमें से 10 स्कूल शहरी क्षेत्रों में और 122 ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे. इन स्कूलों में बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान दिया जायेगा. इस योजना की शुरुआत के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में मान सरकार ने 10 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया.
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