Punjab News: रूस और यूक्रेन (Ukraine) की जंग के बीच वहां फंसे भारतीय छात्रों की मदद का मुद्दा गरमाया हुआ है. भारत के करीब 18 हजार स्टूडेंट्स यूक्रेन में मेडीकल की पढ़ाई करने जाते हैं. इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने राज्य में मेडिकल कॉलेजों की फीस तय करने की पैरवी की. भगवंत मान ने केंद्र और राज्य सरकारों से उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के विदेश जाने के कारणों पर विचार करने के लिए कहा है.


यूक्रेन में भारतीय छात्रों के फंसे होने के लिए भगवंत मान ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया.  उन्होंने कहा, ''अगर हजारों पंजाबी, हरियाणवी और अन्य भारतीय छात्र युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं तो इसके लिए पंजाब, हरियाणा सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जिम्मेदार है.''


भगवंत मान ने आगे कहा कहा, "सरकार ने कभी भी चिकित्सा अध्ययन और उच्च शिक्षा के लिए यूक्रेन, रूस, चीन, फिलीपीन और ताजिकिस्तान जैसे देशों में जाने की भारतीय छात्रों की मजबूरी पर ध्यान नहीं दिया."


इस वजह से बढ़ी कठिनाई


भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देशभर में बड़ी संख्या सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने और निजी संस्थानों को अनुचित शुल्क वसूलने से रोकने के लिए एक ठोस योजना लाने की भी अपील की. मान ने कहा, "आजादी के बाद पंजाब में जिला स्तर पर कोई नया मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं किया गया और पटियाला, अमृतसर तथा फरीदकोट के सरकारी कॉलेजों में सीट संख्या में मामूली वृद्धि हुई है."


केंद्र सरकार की ओर से हालांकि छात्रों के मदद के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन यूक्रेन का एयर बेस बंद होने की वजह से छात्रों को लाने में कठिनाई काफी ज्यादा बढ़ गई है.


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