Punjab Government News: पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार हुआ है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार के लिए प्रभावी नीतियों पर काम कर रही है. पंजाब में सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जा रहा है. साथ ही पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा हुआ.

मेगा पीटीएम से मिल रहा फीडबैक
पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर तालमेल बना रहे. पढ़ाई और स्कूल की व्यवस्था के लिए बच्चों का फीडबैक मिले. इसके लिए पंजाब में 'मेगा पीटीएम' की शुरुआत की गई है. बीते वर्ष दिसंबर में आयोजित 'मेगा पीटीएम' में पंजाब के 19,109 स्कूलों में 20 लाख से अधिक अभिभावक शामिल हुए.

सरकारी स्कूलों के लिए नई नीतियां
पंजाब के सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों को स्कूली शिक्षा का लाभ मिल सके, इसके लिए आधारभूत ढांचे का ढांचे का शानदार विकास किया जा रहा है. सरकारी स्कूलों में सुविधा बढ़ाई जा रही है.

पंजाब में 'स्कूल ऑफ एमिनेंस' के तहत 118 सरकारी स्कूलों में खेल मैदान, स्विमिंग पूल, लेबोरेटरी और स्मार्ट क्लास सुविधा विकसित की जा रही है. वर्तमान में पंजाब में 15 से अधिक स्कूल ऑफ एमिनेंस संचालित किए जा रहे हैं. मान सरकार ने इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

तनाव मुक्त शिक्षा के लिए स्कूल ऑफ हैप्पीनेस
पंजाब के प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे तनाव मुक्त होकर पढ़ाई कर सकें. इसके लिए मान सरकार इस वर्ष 'स्कूल ऑफ हैप्पीनेस' शुरू करने जा रही है. पंजाब में कम से कम 132 'स्कूल ऑफ हैप्पीनेस' शुरू करने की तैयारी है.

बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता, हुनर का होगा विकास
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले युवाओं में तकनीकी कौशल और हुनर विकसित करने के लिए प्रभावी नीतियों पर काम किया जा रहा है. पंजाब सरकार 40 सरकारी स्कूलों में 'हाईटेक वोकेशनल लैब' स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए बजट में शुरुआती तौर पर 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

इसके साथ ही पंजाब में शिक्षा व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए 12,316 शिक्षकों का नियमितीकरण किया गया है. इसके साथ ही स्कूलों में 9,518 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. शिक्षा क्षेत्र में संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 16,987 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव रखा है.


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