Bharat Jodo Yatra In Punjab: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) फिलहाल पंजाब के फिल्लौर में है. बीते दिनों राहुल गांधी जब पंजाब पहुंचे तो उनकी आगवानी में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tiwari) से लेकर तमाम बड़े नेता मौजूद थे. इतना ही नहीं राहुल जब फतेहगढ़ साहिब पहुंचे तो उससे पहले कई नेताओं को फोन कर के बुलाया गया.
उधर, तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी के बीच पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की कमी कार्यकर्ताओं और पार्टी के कई नेताओं को खली. सिद्धू, एक्सीडेंट के एक मामले में फिलहाल जेल में बंद हैं. माना जा रहा है कि 26 जनवरी के बाद उन्हें रिहाई मिल सकती है.
सिद्धू होते तो अपने तरीके से यात्रा को...
पंजाब की राजनीति में शायद ऐसा पहली बार होगा जब राज्य में कोई इतना बड़ा कार्यक्रम हो और नवजोत सिंह सिद्धू ना सिर्फ गैरमौजूद हों, बल्कि उनकी चर्चा भी नहीं हो रही है. सूत्रों का कहना है कि अगर सिद्धू जेल में नहीं होते तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश अलग दिखता.
सिद्धू राज्य में इस यात्रा को न केवल अपने तरीके से आगे लेकर बढ़ते, इसके साथ ही वो विपक्षी नेताओं पर जुबानी हमले करते और विरोधियों को अपने शायराना अंदाज में जवाब भी देते नजर आते. हालांकि कुछ नेताओं का कहना है कि इस यात्रा में उनकी गैरमौजूदगी को लेकर भी कोई चर्चा नहीं है. यात्रा के दौरान नेताओं की ओर से सिद्धू को लेकर चुप्पी और उनकी कोई चर्चा ना होने के जो मायने निकाले जा रहे हैं, उनमें सबसे अहम है पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी.
पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी पर लगाम का संदेश!
मौजूदा समय की बात करें तो पंजाब कांग्रेस में भी गुटबाजी चरम पर है. एक ओर जहां पूर्व सीएम चन्नी का अपना गुट है तो वहीं राजा वड़िंग सिंह और नवजोत सिद्धू का अपना गुट. राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि राहुल, राजस्थान की तरह पंजाब में भी गुटबाजी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं. इसका स्पष्ट संदेश वो राजस्थान में दे चुके हैं.
बीते दिनों जब राहुल गांधी फतेहगढ़ साहिब पहुंचे तो मोहिंदर सिंह केपी, बीबी राजिंदर कौर भट्ठल, शमशेर सिंह दूलो, अश्वनी सेखड़ी समेत कई नेताओं को फोन कर के बुलाया गया. इसके अलावा मनप्रीत बादल, मनीष तिवारी को भी संदेश भेजा गया. इस दौरान सिद्धू के करीबी माने मनप्रीत सिंह को भी फोन कर के बुलाया गया.
अब बात मार्च 2022 में संपन्न हुए पंजाब चुनावों की करें, इसमें कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद सिद्धू कई मोर्चों पर घिर गए थे. पूर्व कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी में रहने के दौरान उनके साथ हुई तनातनी के बाद पार्टी ने उनकी सलाह पर चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य के सीएम के पद के लिए चुना था. हालांकि बाद के दिनों में सिद्धू और चन्नी के बीच भी तनातनी की खबरें खुलकर सामने आईं थीं. सूत्रों का दावा था कि सिद्धू , कैप्टन को हटाकर खुद सीएम बनना चाहते थे लेकिन हाईकमान ने चन्नी को चुना जिससे वह नाखुश थे. कई मौकों पर ये नाखुशी, जाहिर भी हुई.