हरियाणा के करनाल के बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज हुए मामले में 36 किसानों के पास मानहानि का मुकदमा दायर हुआ है और इनके वारंट पहुंचे हैं. इस बात को लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने शुक्रवार को करनाल के मिनी सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस निरीक्षक हरजिंदर सिंह ने मार्च में किसनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था और इसके लिए किसानों को समन और वारंट मिले हैं. प्रदर्शन करते हुए चढूनी ने आरोप लगाया कि हरजिंदर सिंह लाठी चार्ज में शामिल थे, वहीं किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए उपायुक्त अनीश यादव के साथ बैठक के लिए सात सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को अनुमति दी गई.


इस प्रतिनिधिमंडल को एसपी गंगा राम पुनिया से बातचीत करने को कहा गया और एसपी ने उन्हें जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया. मानहानि के मामले में वारंट पहुंचने पर किसानों में काफी गुस्सा हैं और  वहीं चढूनी ने कई किसानों के साथ मिलकर डीसी अनीश यादव और एसपी गंगाराम पुनिया के साथ बैठक की. जिसमें उन्होंने किसानों पर हुए मानहानि के मामले को लेकर चर्चा की अधिकारियों ने किसानों को उचित आश्वासन दिया है. किसानों ने कहा कि सरकार से फैसला हुआ था कि आंदोलन में जितने केस हुए हैं उन्हें वापस लिया जाएगा. 


Haryana Coronavirus Update: हरियाणा में लगातार बढ़ता जा रहा है कोरोना का कहर, 580 नए मामले आए सामने


बहुचर्चित केस बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज का मामला भी एक आंदोलन का हिस्सा था जिसकी जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई गई थी. फिर भी समझौते के बाद इंस्पेक्टर हरजिंद्र सिंह ने 36 किसानों पर केस दर्ज किया. बता दें कि 28 अगस्त 2021 को करनाल शहर में बसताड़ा टोल पर भी नाका लगा था. वहीं शांतिपूर्वक विरोध के लिए किसान शहर जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहीं रोक लिया था. किसानों ने वहीं पर सड़क जाम कर दी थी और फिर पुलिस ने जाम खुलवाने के लिए किसानों पर लाठीचार्ज किया था.