Haryana News:  हरियाणा में एक बार फिर किसान प्रदर्शन की राह पर नजर आने वाले है. भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने 6 फरवरी को फिर प्रदर्शन का ऐलान किया है. जिसको लेकर अब गांव-गांव जाकर किसानों से मिला जा रहा है और 6 फरवरी को होने वाले प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है. चढूनी के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा उनकी बकाया मुआवजा राशि सहित कई मांगों को लेकर वो प्रदर्शन करने वाले है. 


मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन चढूनी का कहना है कि उनके द्वारा सरकार को कई बार अपनी मांगों को लेकर पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने बताया कि साल 2020 से 2022 तक के सरसों,कपास, गेहूं, और बाजरा की फसलों की प्रीमियम राशि देने के बाद भी उनको मुआवजा नहीं दिया गया. सरकार भावांतर योजना में भी अभी तक कीमतों में अंतर की राशि का भुगतान नहीं कर रही है. उनका कहना है कि सरसों की इस सीजन की फसल का भी 60 फीसदी से अधिक नुकसान हो गया है. उनकी सरकार से मांग है कि इस नुकसान की भी तत्काल प्रभाव से गिरदावरी कराई जाए. साथ ही पीएम सम्मान निधि से काटी गई किसानों की राशि को दिया जाए. भारतीय किसान यूनियन चढूनी के पदाधिकारियों ने बताया कि वो 6 फरवरी को रेवाड़ी के किसान मॉडल टाउन स्थित कृषि विभाग के दफ्तर पहुंचकर आंदोलन की शुरूआत करने वाले है.


गन्ने की रेट बढ़ाने की हो चुकी है घोषणा
वही आपको बता दें कि हरियाणा के किसान लंबे समय से गन्ने के रेट बढ़ाने को लेकर भी प्रदर्शन करते नजर आए थे. जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनकी मांगों को मानते हुए गन्ने की रेट 362 रुपए से बढ़ाकर 372 रुपए कर दिया था. सीएम ने अगले साल भी गन्ने का रेट बढ़ाने का आश्वासन दिया. 


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