Haryana: चुनाव आयोग से झटके के बाद शरद पवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सुप्रिया सुले भी मौजूद
NCP Party Crisis: चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब शरद पवार गुट की मुश्किलें बढ़ी हुई है. जिसको लेकर बुधवार सुबह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके आवास पर मिलने पहुंचे.
NCP Symbol Name Row: भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को अजित पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ठहराया है. जिससे एनसपी संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. जिसको लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा शरद पवार के आवास पहुंचे. यहां उन्होंने सांसद सुप्रिया सुले से मुलाकात की. ECI ने अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आज दोपहर 3 बजे तक आयोग को तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है.
चुनावों से पहले ही बड़ी बाजी हार गए शरद पवार
महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य मानें जाने वाले शरद पवार को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने जहां अजीत पवार की पार्टी को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी माना है. वहीं शरद पवार ने अपनी पार्टी का 24 साल पुराना चुनाव-चिन्ह भी खो दिया है. वहीं चुनाव आयोग के फैसले के बाद एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर का फैसला महज औपचारिकता रह गया.
#WATCH हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा शरद पवार के आवास पहुंचे और सांसद सुप्रिया सुले से मुलाकात की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2024 [/tw]
NCP में विवाद के संबंध में चुनाव आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है। ECI ने अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का… pic.twitter.com/v35P5O71Nr
शिवसेना की तरह ही रही एनसीपी की लड़ाई
शिवसेना में झगड़े की तरह ही एनसीपी में भी झगड़ा हुआ और रिजल्ट भी कुछ वैसा ही आया है. भारतीय चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब शरद पवार गुट की मुश्किलें बढ़ी हुई है. चुनाव आयोग की तरफ से 7 फरवरी को 3 बजे तक शरद पवार को अपने गुट का नाम देने के लिए कहा गया है. आज अगर शरद पवार की तरफ से ऐसा नहीं किया जाता तो उनके विधायकों और सांसदों को निर्दलीय माना जाएगा.
निर्वाचन आयोग के फैसले को शरद पवार गुट ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. सांसद सुप्रिया सुले की तरफ से मंगलवार को कहा गया कि हम स्पष्ट रूप से 2 काम कर रहे है पहला सुप्रीम कोर्ट जाने का और दूसरा 7 फरवरी को पार्टी के तीन नाम और तीन चुनाव चिह्न देने का.