Punjab News: पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में पंजाब सरकार (Punjab Government) ने बड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए अनुसूचित जाति के लिए 39 करोड़ रुपये के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले (Post Matric Scholarship Scam) की जांच में दोषी पाए गए 6 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें से 4 अधिकारी सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के हैं और दो वित्त विभाग के हैं.
एबीपी सांझा की वेबसाइट के अनुसार, बर्खास्त अधिकारियों में परमिंदर सिंह गिल उप निदेशक, चरनजीत सिंह उप नियंत्रक, मुकेश भाटिया अनुभाग अधिकारी, राजिंदर चोपड़ा अधीक्षक और राकेश अरोड़ा और बलदेव सिंह (दोनों वरिष्ठ सहायक) शामिल हैं. इनमें चरणजीत और राकेश सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनकी बर्खास्तगी के संबंध में आदेश संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा जारी किया गया था, जिसे बलजीत कौर ने जारी किया.
बता दें कि साधु सिंह धर्मसोत कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी थे और उनके कार्यकाल में वजीफा घोटाला उजागर हुआ था. भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार द्वारा की गई विभागीय जांच में यह बात सामने आई है कि अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति वितरण के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई और कुछ निजी संस्थानों को अनुचित लाभ दिया गया.
इन संस्थाओं पर कार्रवाई करने के बजाय करोड़ों रुपये दे दिए गए. उक्त अधिकारियों ने इन 14 संस्थाओं के पुन: अंकेक्षण के लिए वित्त विभाग से आवश्यक स्वीकृति लेने के बजाय कुछ अन्य संस्थाओं का नाम अनुचित लाभ देने के लिए सूची में शामिल कर लिया. 9 संस्थाओं को बिना वित्त विभाग की स्वीकृति के 16.91 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए.
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