Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच जुबानी जंग अब बढ़ती जा रही है. बिक्रम मजीठिया की तरफ से सब-इंस्पेक्टर भर्ती में हरियाणा के युवाओं को भर्ती करने के आरोप लगाए गए थे. जिसपर सीएम मान ने पलटवार करते हुए बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को भी ओपन चैलेंज किया था कि वो पंजाबी का पेपर 50 प्रतिशत नंबरों की जगह सिर्फ 45 प्रतिशत से पास करके दिखा दे तो मैं उन्हें मान जाऊंगा. सीएम मान के इस बयान पर अब बिक्रम सिंह मजीठिया की प्रतिक्रिया आई है.
‘राज्य चलाना कोई कॉमेडी सर्कस नहीं’
अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने ट्वीट कर लिखा कि पंजाबियों को इस बात पर बहुत आश्चर्य होता है कि जिस व्यक्ति ने बीच में ही कॉलेज छोड़ दिया, वह दूसरों को ज्ञान दे रहा है. भगवंत मान पंजाबियों ने आपको 2022 में अस्वीकार कर दिया था क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं था कि आप राज्य के सबसे बेकार मुख्यमंत्री साबित होंगे. मुख्यमंत्री कॉमेडी सर्कस में बहुत अच्छे हो सकते हैं लेकिन राज्य चलाना कोई कॉमेडी सर्कस नहीं है.
आखिर क्यों खड़ा हुआ विवाद?
दरअसल, पंजाब पुलिस में 560 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती की गई है. इस भर्ती में हरियाणा के लोगों को भर्ती कराने के आरोप अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की तरफ से लगाया गया था. शनिवार को में 560 सब इंस्पेक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम मान ने मजीठिया के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि पुलिस भर्ती के लिए पेपर तो कोई भी दे सकता है, लेकिन नियम के अनुसार उसे पंजाबी विषय का पेपर क्लियर करना होता है. वही 10वीं में उसके पास पंजाब होनी जरूरी होती है. इस भर्ती में भी वहीं लोग शामिल हुए है जिन्होंने पंजाबी का पेपर क्लीयर किया है. हरियाणा और राजस्थान के जो भी युवा इस भर्ती में शामिल हुए है या तो वो रहते पंजाब में है और उनका पैतृक घर हरियाणा या राजस्थान में है. जो भर्ती हुए है वो भी पंजाबी परिवार ही है.
सीएम मान ने दिया था चैलेंज
इसके बाद सीएम मान ने राजा वडिंग और बिक्रम सिंह मजीठिया को एक महीने का समय देते हुए कहा कि आप पंजाबी का पेपर 50 प्रतिशत छोड़ो 45 प्रतिशत से क्लियर कर दे दिखा तो मैं आपको मान जाऊंगा.