Punjab News: पंजाब में इस वक्त 'दाढ़ी' को लेकर सियासत गरमाई हुई है. शिरोमणि अकाली दल (SAD) लगातार पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) को अपने बयानों से घेरने की कोशिश कर रहा है. इस क्रम में शुक्रवार को बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते सीएम मान पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सीएम मान 'सिखों की दाढ़ी' को लेकर बयान देते समय विधानसभा में शराब पीकर गए थे.


'कुर्सी पर बैठे मुस्कुराते रहे स्पीकर'


मजीठिया ने आगे कहा, 'ये कितने आश्चर्य की बात है कि पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष, जो स्वयं अमृतधारी सिख हैं, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची और वे अपनी कुर्सी पर बैठे मुस्कुराते रहे. एक अभ्यासी सिख की दाढ़ी पर प्रसन्नतापूर्वक अपमान का अंबार लगाकर, इसने उनके दादा की हजारों सिखों के नरसंहार और 1984 में श्री हरमंदर साहिब पर सेना के हमले के मूक गवाह रहने की यादें ताजा कर दीं. मैंने दो दिन तक इंतजार किया कि स्पीकर शायद इस मुद्दे पर कुछ बोलें, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा.'


'क्या उसे माफ कर देना चाहिए?'


भगवंत मान द्वारा दशम पातशाह के पवित्र प्रतीक और खालसा पहचान के गौरवपूर्ण प्रतीक चिन्ह का बेशर्म और शर्मनाक अपमान किया गया. यह सिखी सरूप पर एक व्यवस्थित हमले का हिस्सा है. साहिब ए कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा को दिए गए पवित्र सिख प्रतीकों को बदनाम करने और उनका उपहास करने के लिए शक्तिशाली सिख विरोधी ताकतों द्वारा यह एक गहरी साजिश है. हमारे दैनिक अरदास में, प्रत्येक सिख "केस दान" चाहता है और उन महान शहीदों की जय-जयकार करता है, जिन्होंने गुरु के प्रतीक के रूप में कटे हुए बालों के अधिकार की रक्षा के लिए अपनी अंतिम सांसें लीं. इस गौरवशाली विरासत का अपमान और उपहास किया. क्या उसे माफ कर देना चाहिए?'


क्या कहा था सीएम भगवंत मान ने?


सीएम भगवंत मान ने कहा था, 'वह उन लोगों में से नहीं हैं जो मुसीबत आने पर या फिर चुनाव आने पर अपनी दाढ़ी खोल लेते हैं. जब सत्ता में होते हैं तो दाढ़ी को बांध लेते हैं. मुझे जहां भी कोई गुरुघर नजर आता है वहीं पर सिर झुक जाता है. मैं गुरुघर में भी जाता हूं तो साफ कहता हूं कि यहां पर कोई प्रोटोकॉल नहीं है. लाइन में लगकर माथा टेकूंगा. लेकिन जब बादलों का परिवार जाता है तो कीर्तन करने वाले भी प्रोटोकॉल तोड़कर हाथ जोड़ बाबू जी बाबू जी करने लगते हैं.'


ये भी पढ़ें-  Adipurush Film Controversy: पटियाला में फिल्म आदिपुरुष का विरोध, सिनेमा हॉल के अंदर घुसने को लेकर हिन्दूवादी संगठनों और पुलिस के बीच हंगामा