Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी अलग-अलग गठबंधन के साथ किस्मत आजमा रहे हैं. करीब 25 साल तक एनडीए का हिस्सा रहे शिरोमणि अकाली दल ने तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर बीजेपी के साथ साथ छोड़ा था. लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद भी अकाली दल और बीजेपी के साथ आने की संभावना नहीं के बराबर है. बीजेपी ने दावा किया है कि वह अकाली दल के साथ चुनाव के बाद भी गठबंधन नहीं करेगी.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पंजाब में भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के बीच चुनाव के बाद गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया. पुरी ने आरोप लगाया कि शिअद ने भाजपा को पंजाब में अपना आधार बढ़ाने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अकालियों ने भाजपा से किसी सिख नेता को भी उभरने नहीं दिया.
उनके साथ भाजपा के महासचिव दुष्यंत गौतम और पार्टी की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन भी मौजूद थे. प्रवर्तन निदेशालय के पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार भूपिंदर सिंह उर्फ हनी को धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के सवाल पर पुरी ने कहा कि भाजपा बदले की राजनीति में यकीन नहीं करती है.
किसान आंदोलन की वजह से टूटा गठबंधन
1996 से 2019 के लोकसभा चुनाव तक पंजाब में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने सभी चुनाव मिलकर ही साथ लड़े हैं. लेकिन 2020 में शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी के साथ किसान आंदोलन के मुद्दे पर गठबंधन तोड़ दिया था.
शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है. वहीं बीजेपी अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.