Haryana News: हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है. खासकर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के बीच सरगर्मियां लगातार बढ़ी हुई है. दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटने की चर्चाएं लगातार जोरों पर है. मीडिया रिपोर्टस की माने तो बीजेपी नेताओं का मानना है कि अगर वो जेजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी तो इसका पार्टी को नुकसान होने वाला है. अभी 10 की 10 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के ही सांसद है. ऐसे में अगर जेजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो जेजेपी को भी कुछ सीटें देनी पड़ेगी. 


गठबंधन को लेकर रिपोर्ट अच्छी नहीं


आपको बता दें कि सिरसा रैली के बाद बीजेपी अलाकमान ने हरियाणा बीजेपी की इकाई से ताजा फीडबैक लिया था. इस फीडबैक में जेजेपी के साथ गठबंधन को लेकर नेगेटिव रिपोर्ट गई है, रिपोर्ट में जेजेपी के साथ गठबंधन अच्छा नहीं बताया गया है. इससे पहले भी कई नेता जेजेपी से अलग होने की सलाह दे चुके है. 


गठबंधन टूटने पर नहीं होगा नुकसान


जेजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी को नुकसान नहीं होने वाला है. जिसकी बड़ी वजह अभी हालहीं में बीजेपी प्रभारी बिप्लब देव से निर्दलीय विधायकों की मुलाकात है. बीजेरी निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार खड़ी कर सकती है. अभी खुद बीजेपी का पास कुल 90 विधानसभा सीटों में से 41 सीटों पर विधायक है. उसके पास बहुमत के लिए 46 विधायक होने चाहिए ऐसे में 4 निर्दलीय विधायक खुलकर सरकार के साथ हैं और हलोपा संयोजक और विधायक गोपाल कांडा भी बीजेपी का समर्थन देने का ऐलान कर चुके है. जेजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर भी बीजेपी इन 5 विधायकों को मिलाकर सरकार बचाकर रख सकती है. 


क्या चलेगा पंजाब का फॉर्मूला?


जेजेपी के साथ गठबंधन को तोड़कर बीजेपी अपने ऊपर ब्लैम नहीं लेना चाहती. जिसके लिए बीजेपी पंजाब वाले फार्मूले को अपना सकती है, जिस तरफ किसान आंदोलन के समय बीजेपी ने अकाली दल को गठबंधन तोड़ने पर मजबूर कर दिया था. 


यह भी पढ़ें: Haryana Politics: सांसद बृजेंद्र का दिग्विजय पर पलटवार, बोले- 'पार्टी के स्वयंभू नेता बने, सरपंच तक नहीं बन पाए'