Punjab Election: किसान आंदोलन से निकलकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukt Samaj Morcha) के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है. संयुक्त किसान मोर्चा के सबसे बड़े संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने संयुक्त समाज मोर्चा को समर्थन देने से इंकार किया है. जोगिंदर सिंह उगराहां की अगुवाई वाले बीकेयू (उगराहां) की ओर से किसानों के मुद्दों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बीकेयू उगराहां की कोशिश उन लोगों को साधने की है जिनमें राजनीतिक दलों में अपना विश्वास खो चुके हैं. बीकेयू उगराहां की ओर से अपने कैंपेन में किसानों की बाकी बची हुई मांगों का जिक्र भी किया जा रहा है.
बीकेयू उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा, ''हमारे मेंबर्स किसी भी पार्टीको वोट दे सकते हैं. हमारे जागरूकता अभियान का मकसद लोगों को किसानों के लिए जरूरी नीतियों के बारे में जानकारी देना है. हम लोगों को इकट्ठा करना चाहते हैं ताकि किसानों की बाकी बची हुई मांगों को लेकर लड़ाई को मजबूती से लड़ सके.''
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किसान नेता की ओर से दावा किया गया कि ये साबित हो चुका है किसानों की एकता से किसी भी लड़ाई को जीता जा सकता है. बीकेयू उगराहां की ओर से कहा गया कि उनका मकसद सिर्फ किसानों के हक की लड़ाई लड़ते रहना है.
बता दें कि बीकेयू उगराहां के मुखिया जोगिंदर सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनका संगठन राजनीति में शामिल हो चुके किसान नेताओं का समर्थन नहीं करेगा. रविवार को पंजाब में चुनाव लड़ने जा रहे सभी किसान संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
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