Punjab के फिरोजपुर में BSF को मिली बड़ी कामयाबी, बरामद किए नशीले पदार्थों के 4 पैकेट
Ferozepur News: बीएसएफ ने फिरोजपुर (Ferozepur) में सीमा पर बाड़ लगाने वाले इलाकों के पास से हेरोइन के संदिग्ध नशीले पदार्थों के 4 पैकेट को जब्त करने का दावा किया है.
BSF Seizes Narcotics in Punjab: सीमा सुरक्षा बल ने सोमवार को पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर (Ferozepur) में सीमा पर बाड़ लगाने वाले इलाकों के पास से हेरोइन के संदिग्ध नशीले पदार्थों के 4 पैकेट को जब्त करने का दावा किया. रविवार शाम को ठीक उसी समय खेत में काम कर रहे 2 किसानों और एक मजदूर को हिरासत में लिया गया है. बीएसएफ (BSF) अधिकारियों के मुताबिक, एक विशेष इनपुट पर जवानों ने सीमा सुरक्षा बाड़ क्षेत्र के पास काम करने वाले किसानों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दिया. बीएसएफ की 'किसान गार्ड पार्टी' ने फौरन कार्रवाई करते हुए सर्च अभियान भी चलाया.
जारी है जांच
क्षेत्र की तलाशी के दौरान, सैनिकों को एक नीलगिरी के पेड़ के पास एक नया खुदाई का निशान मिला और प्रतिबंधित वस्तुओं के 4 पैकेट बरामद मिले जो एक नीले पॉलीथिन में लिपटे हेरोइन होने का संदेह था. अधिकारियों ने ये भी कहा कि 2 किसानों और एक मजदूर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
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बल रख रहा है पैनी नजर
हाल ही में, बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर के तहत फिरोजपुर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से लाए जा रहे प्रतिबंधित पदार्थो की बरामदगी में तेजी देखी गई है. बल ने 8 अप्रैल को सीमा सुरक्षा क्षेत्र के अंदर दो महिलाओं के पास से 1.200 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी. बल के अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान में भारत विरोधी तत्वों की ओर से नशीले पदार्थो को भारतीय क्षेत्र में धकेलने के निरंतर प्रयासों के बावजूद, सीमावर्ती क्षेत्रों में उच्च स्तर की सतर्कता से बीएसएफ ने तस्करी की कोशिशों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है. फोर्स ने 4 अप्रैल को हेरोइन होने के संदेह में 2 किलो से अधिक मादक पदार्थ जब्त किया था, जबकि 12 जनवरी को 6.3 किलोग्राम हेरोइन और एक पिस्तौल, एक मैगजीन और 50 राउंड बरामद किया गया था.
तकनीक मिलने का है इंतजार
केंद्रीय सुरक्षा बलों के सूत्रों ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल भारत के अंदर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए भी किया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि बीएसएफ रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ संयुक्त रूप से 'ड्रोन रोधी तकनीक' विकसित करने पर काम कर रहा है. एक बार जब बल को तकनीक मिल जाएगी, तो इससे सीमा प्रबंधन काफी हद तक सुरक्षित हो जाएगा.
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