Punjab Election 2022: पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ चुके हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजीव गांधी से थी नजदिकियां
कैप्टन को पहली बार CM बनने का मौका साल 2002 में मिला था इसके बाद वे साल 2017 मेंCM बने. हालांकि पार्टी के भीतर चल रहे गुटबाजी के कारण उन्होंने 5 साल पूरे होने के कुछ महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया है. हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का गठन किया था. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2017 के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के उम्मीदों पर पानी फेरते हुए कांग्रेस को जीत दिलाई थी.
कौन हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह का जन्म 11 मार्च साल 1942 को पंजाब के पटियाला में हुआ था. उनके पिता यादविंदर सिंह और मां मोहिंदर सिंह थीं. कैप्टन अमरिंदर सिंह की पढ़ाई लॉरेंस स्कूल, सनावर और दून स्कूल से हुई में हुई थी इसके बाद उन्होंने साल 1959 में नेशनल डिफेंस एकेडमी खड़गवासला में पढ़ाई की फिर साल 1963 में उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. साल 1964 में उनकी शादी परनीत कौर से हुई. परनीत कौर साल 2009 से साल 2012 तक विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुकी हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह का एक बेटा (रणिंदर सिंह) और एक बेटी (जय इंदर कौर) है. कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बहन हेमिंदर सिंह की शादी पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह से हुई है.
पाकिस्तान के खिलाफ लड़ चुके हैं युद्ध
साल 1963 में कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय सेना में शामिल हुए. वह सेकेंड बटालियन सिख रेजीमेंट के जवान थे. दो साल तक उनकी पोस्टिंग इंडो-तिब्बत बॉर्डर पर रही. इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श सिंह के सहयोगी के रूप में सी वेस्टर्न कमांडर भी रहे. साल 1965 में वे पाकिस्तान युद्ध के खिलाफ अपनी बटालियन का नेतृत्व किया. हालांकि इसके बाद उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया.
राजीव गांधी से थी दोस्ती
राजीव गांधी के करीबी दोस्तों में से एक कैप्टन अमरिंदर सिंह भी थे. राजीव गांधी के कहने पर ही अमरिंदर सिंह ने जनवरी साल 1980 में राजनीति में सक्रिय हुए और पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. साल 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान स्वर्ण मंदिर में सेना के प्रवेश के विरोध के कारण उन्होंने कांग्रेस और लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और साल 1985 में अकाली दल में शामिल हो गए. बाद में अकाली दल की तरफ से वे राज्य के कृषि और वन मंत्री बने.
साल 2002 में पहली बार बने थे मुख्यमंत्री
कैप्टन अमरिंदर सिह एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए और पहली बार उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका साल 2002 में मिला. मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने पंजाब के पड़ोसी राज्यों के साथ पानी के बंटवारे संबंधी कानून पास किया था.
उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. इसके कुछ महीनों बाद उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया था.
साल 2017 में एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का मिला मौका
साल 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस को 117 सीटों में से 77 पर जीत हासिल हुई थी और उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला.
हालांकि पंजाब में कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी और शीर्ष नेताओं के दबाव के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 5 साल पूरे होने से कुछ महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था.
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