Chandigarh News: केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ (Chandigarh UT) के सरकारी कर्मचारियों को अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन और अन्य लाभ मिलेंगे. इससे संबंधित प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के ऐलान के दो दिन बाद गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नियम जारी किये. चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है, और 60% कर्मचारी पंजाब से हैं और 40% हरियाणा से हैं.


अमित शाह ने कहा था कि चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों की सेवा शर्तें केंद्रीय नागरिक सेवा के समान होंगी और इससे चंडीगढ़ के कर्मियों को बड़ा फायदा होगा.


नोटिफिकेशन में कही गई है यह बात
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम, 2022 को मंगलवार को नोटिफाई किया गया. नोटिफिकेशन में कहा गया है: "चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत ग्रुप 'ए', ग्रुप 'बी' और ग्रुप 'सी' में सेवाओं और पदों पर नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तें भारत सरकार की केंद्रीय सिविल सेवाओं में संबंधित सेवाओं और पदों पर नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों के समान होंगे." इसके अलावा कहा गया कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत समूह 'डी' के कर्मचारियों पर केंद्रीय सिविल सेवा के तहत संबंधित समूह 'सी' के समान ही शर्तें लागू होंगी.


सैलरी को लेकर 
एक अप्रैल से लागू होने वाले चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश कर्मचारी (सेवा शर्तें) नियम-2022 के मुताबिक चंडीगढ़ प्रशासन के ए, बी और सी श्रेणी के कर्मियों का वेतनमान केंद्र सरकार के समकक्ष कर्मचारियों के समान होगा. चंडीगढ़ प्रशासन के ग्रुप डी श्रेणी के कर्मियों का वेतनमान और अन्य सेवा शर्तें उनके समकक्ष केंद्र सरकार के ग्रुप सी के कर्मियों के बराबर होंगी.


केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासनिक नियंत्रण के कर्मचारियों को पहले पंजाब में अपने समकक्ष के बराबर वेतनमान मिलता था. लेकिन नये नियम में कहा गया है कि चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ा सकेगा.


उधर शिरोमणि अकाली दल (शिअद), कांग्रेस और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे पंजाब से चंडीगढ़ को "छीनने" का प्रयास बताया है। अकाली दल ने कहा है कि यह फैसला पंजाब (पुनर्गठन) कानून की भावना का उल्लंघन है.