Chandigarh Farmers March: चंडीगढ़ में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-उगराहां) ने सोमवार (2 सितंबर) को अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. बीकेयू-उग्राहां के बैनर तले किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब विधानसभा की ओर मार्च किया. 


प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं. उन्होंने हाथों में झंडे-पताके लहराते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. ये प्रदर्शनकारी किसान पंजाब सरकार की ओर से कृषि नीति को जल्द से जल्द लागू करने की मांग कर रहे हैं. 






पंजाब सरकार का विधानसभा सत्र 2 से चार सितंबर तक चलेगा. इसके चलते अब किसान संगठन ने अपना संघर्ष चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद अगले आंदोलन का ऐलान पांच सितंबर को किया जाएगा. 


इस संघर्ष में पंजाब के अलग-अलग जिलों से उनके संगठन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में राशन, दूध और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचेंगे. किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मुख्य मांग पंजाब की कृषि नीति बनाना है. उनका आरोप है कि सरकार ने अभी तक कोई कृषि नीति घोषित नहीं की है. 


किसानों की मांग है कि पंजाब की सरकार ऐसी एग्रीकल्चर पॉलिसी बनाए, जिसमें किसानों को डॉ. स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मुताबिक फसलों की एमएसपी और खरीद की गारंटी दी जाए. इसके साथ ही उनकी अन्य मांगों पर भी ध्यान दिया जाए.


बीकेयू उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि चंडीगढ़ के इस मोर्चे में आत्महत्या करने वाले किसान और नशे से मरने वालों के परिजन भी उनके साथ शामिल होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि यह मोर्चा पूरी तरह से भारतीय किसान यूनियन उगराहां का है, जबकि अन्य संघर्षशील भाईचारा संगठन हमारे संघर्ष के समर्थन में जिला स्तर पर संघर्ष कर सकते हैं.


प्रदर्शनकारी किसानों की क्या हैं मांगें?



  • पंजाब की कृषि नीति बनाना

  • किसान मजदूरों का कर्ज माफ करना

  • नशे का खात्मा

  • किसानों की बर्बाद फसलों का मुआवजा

  • आत्महत्या करने वाले किसान के परिवारों को मुआवजा

  • जमीनों का सही वितरण करने की मांग


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