चंडीगढ़ में दो युवकों की मौत के बाद परिजनों ने उठाया ऐसा कदम, आठ लोगों मिली नई जिंदगी
Chandigarh News: चंडीगढ़ पीजीआई में दो युवकों की मौत के बाद उनके परिवारों ने अंग दान का फैसला लिया. जिससे आठ लोगों को नई जिंदगिया मिली है. उनके इस कदम की तारीफ हो रही है.
Chandigarh Latest News: चंडीगढ़ पीजीआई ने मानव सेवा का नया उदाहरण पेश किया है. यहां दो दिनों में चार अंगदान हुए हैं, जिससे आठ लोगों को नई जिंदगी मिली है. चार ग्रीन कॉरिडोर के जरिए अंगों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया. सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले दो युवाओं के परिवारों ने अंगदान का साहसिक फैसला लिया. इन परिवारों के साहसिक कदम की वजह से ही हृदय, फेफड़े और यकृत जैसे महत्वपूर्ण अंगों का प्रत्यारोपण किया गया.
बता दें कि गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एक व्यक्ति के हृदय का प्रत्यारोपण हुआ. हैदराबाद के किम्स अस्पताल में फेफड़ों का प्रत्यारोपण हुआ. दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में दोनों युवाओं के यकृत का प्रत्यारोपण किया गया. इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में दो किडनी-पैंक्रियाज और दो किडनी ट्रांसप्लांट किए गए, जिससे पांच लोगों की जिंदगी बचाई गई.
मृतकों के परिवारों की सराहना की
पीजीआईएमईआर के निदेशक विवेक लाल ने इस कार्य के लिए टीम की सराहना की. वहीं उन्होंने कहा कि अंगदानों ने मानवीय भावना की उदारता को उजागर किया है. उन्होंने मृतकों के परिवारों की सराहना की और कहा कि दुख की इस घड़ी में इन परिवारों ने दूसरों का जीवन बचाने का निर्णय लिया. उनके इस साहसपूर्ण कदम से देशभर के हजारों रोगियों को एक नई उम्मीद मिली है. इस प्रकार के प्रयासों से समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता आएगी.
युवकों के परिजनों ने क्या कहा?
बता दें कि 21 अक्टूबर को पीजीआईएमईआर में एक 18 वर्षीय युवक की ब्रेन डेड होने के कारण मृत्यु हो गई थी. वहीं 22 अक्टूबर को एक 24 वर्षीय युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. दोनों युवकों के परिवारों ने इनके अंगो को दान करने का निर्णय लिया. मृतकों में से एक के पिता ने कहा कि वे अपने बेटे की याद में दूसरों को जीवन का मौका देना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने अंगदान का निर्णय लिया. वहीं एक अन्य मृतक की मां ने कहा कि हमारा दर्द हमेशा रहेगा, लेकिन यह जानकर कि वह दूसरों में जीवित है, हमें कुछ शांति मिलती रहेगी.
पीजीआईएमईआर के चिकित्सा अधीक्षक और नोडल अधिकारी विपीन कौशल ने कहा कि हम इन परिवारों के नेक कार्यों की सराहना करते हैं. इसके साथ ही चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस की ओर से ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाने के लिए उनका भी आभार जताते हैं. ये टीम वर्क ही है जो अंग दान को वास्तविकता बनाता है.
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