Haryana News: किसान संगठन एक बार फिर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है. लेकिन इस बार किसान दिल्ली नहीं बल्कि चंडीगढ़ में डेरा डालने वाला है. शनिवार को 5 किसानों की बैठक के बाद एलान किया गया है कि 18 जनवरी से चंडीगढ़ में पक्का धरना लगाया जाएगा. जो दिल्ली के धरने की तर्ज पर ही होगा. पंजाब में बढ़ते पानी के संकट, पर्यावरण प्रदूषण और संघीय ढांचे पर मंडराते खतरे के मुद्दों को लेकर ये धरना दिया जाएगा.
इन पांच किसान संगठनों ने किया धरने का एलान
ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, भाकियू (राजेवाल) किसान संगठन, आजाद किसान संघर्ष कमेटी (पंजाब), किसान संघर्ष कमेटी पंजाब, भाकियू (मानसा) की शनिवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में बैठक हुई जिसके बाद धरने का एलान किया गया. बैठक के बाद किसान मोर्चे के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि चंडीगढ़ में दिल्ली के धरने की तर्ज पर ही धरना लगाया जाएगा.
धरने को लेकर तैयारी कर रहे है किसान
बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पंजाब में पानी इतना गहरा हो गया है कि वो ना तो फसलों के लिए फायदेमंद है और ना ही पीने लायक है. सतलुज, रावी, ब्यास नदी के पानी का मालिक पंजाब है. जिसकी गवाही तो संविधान भी देता है. पंजाब के लिए पानी एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि पानी की कमी की वजह से लोग वीरान जगहों पर चले जाएंगे, जिससे ना तो पंजाब की संस्कृति रहेगी और ना ही पंजाबियत रहेगी.
राजेवाल ने कहा कि धरने को लेकर तैयारियां की जा रही है जिसको लेकर किसानों में उत्साह है वो प्रदेश के हर जिले में बैठकें रैलियां कर रहे है. किसान संगठन अपनी ट्रालियां तैयार करने में भी लगे है. राशन जमा किया जा रहा है ताकि किसान लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहे. किसान 18 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर पहुंचेंगे यहां से वे चंडीगढ़ की ओर कूच करेंगे.
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