गुजरात में जीते AAP के 5 विधायक पंजाब से दिल्ली रवाना, कांग्रेस का दावा - वफादारी बदल सकते हैं MLA
Chandigarh News: अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव के दौरान दावा किया था कि उन्होंने अपनी पार्टी के लिए हीरे उठाए थे, जो अब एक बड़ा धोखा साबित हो रहा है.
Chandigarh News: गुजरात विधानसभा में दस्तक देने वाले आम आदमी पार्टी के नवनिर्वाचित पांच विधायक दो दिन पंजाब रहने के बाद वहां से रवाना होकर दिल्ली पहुंच गए हैं. आप विधायक बुधवार शाम को पंजाब से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. आप के जो विधायक पंजाब से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं उनमें भूपत बयानी, उमेश मकवाना, सुधीर वघानी, हेमंत अहीर और चैतर वसावा शामिल हैं.
5 में से 4 विधायक हो सकते है बीजेपी में शामिल
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात आप ने अपने पांच विधायकों को कथित तौर बीजेपी द्वारा अपनी पार्टी में मिलाने को लेकर जारी उनकी मुहिम को देखते हुए पहले पंजाब भेजा था. अब उन्हें पंजाब से दिल्ली रवाना कर दिया गया है. आम आदमी पार्टी ने यह कदम भाजपा की मुहिम को फ्लॉप करने के मकसद से उठाया है. गुजरात में इस बात की चर्चा है कि आपके पांच में से चार विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं. दरअसल, दल बदल विरोधी कानून से बचने के लिए भाजपा आप के पांच से चार विधायकों को पार्टी में मिलना चाहती है.
आप विधायक सड़क मार्ग से लाये गए दिल्ली
चर्चा इस बात की भी है कि गुजरात में इन विधायकों के चुनाव ने आप की राष्ट्रीय पार्टी बनने की महत्वाकांक्षा को पंख लगा दिए हैं. द ट्रिब्यून के मुताबिक गुजरात आप के पांच विधायक एक दिन चंडीगढ़ में रहे और एक दिन अमृतसर में रुके थे. उसके बाद आप के विधायकों को बुधवार को सड़क मार्ग से दिल्ली लाए गए हैं.
भगवा पार्टी में जता सकते हैं अपनी निष्ठा
इस बीच विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को कहा कि सीएम भगवंत मान गुजरात के पांच विधायकों को लंबे समय तक बीजेपी से बचाकर रखने में सक्षम नहीं हो सकते. ये बात अलग है कि इन विधायकों को भाजपा खेमे से जाने से रोकने के लिए अप नेतृत्व ने उन्हें गुजरात से बाहर भेजने का फैसला लिया था. इससे पहले केजरीवाल ने गुजरात चुनाव के दौरान दावा किया था कि उन्होंने अपनी पार्टी के लिए गुजरात चुनाव के लिए हीरे उठाए थे, जो अब एक बड़ा धोखा साबित हो रहा है. सच्चाई तो यह है कि इनमें से कुछ विधायक पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं. वे कभी भी भगवा पार्टी के प्रति निष्ठा व्यक्त कर सकते हैं.
प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि केजरीवाल ने जो गुजरात में सियासी दांव खेला था वो उन्हें उल्टा पड़ने लगा है. वह इन विधायकों को अन्य राजनीतिक दलों से अपनी पार्टी में लाये थे कि वे उनके प्रति वफादार बने रहेंगे. जबकि ऐसे नेता आप से नैतिक रूप से जुड़े नहीं हैं. वो बेहतर विकल्प देने वाली किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
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