Chandigarh News: चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने स्मॉल फ्लैट्स का एक सर्वे करवाया है. इस सर्वे तहत यह जानना था कि जो फ्लैट्स लोगों को अलॉट हुए हैं, उनमें वही रह रहे हैं या कोई और रहता है. 18,138 स्मॉल फ्लैट्स का 2 बार सर्वे किया गया. इस दौरान करीब 1,117 फ्लैट्स में असली अलॉटी नहीं मिले. अब ऐसे लोगों के खिलाफ चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है. 22 फ्लैट्स का अलॉटमैंट कैंसिल कर दिया गया है. वहीं अलॉटमैंट नियमों की अनदेखी करने वालों को शोकॉज नोटिस भेजे जा रहे है.


सीएचबी ने भेजें शोकॉज नोटिस


चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड सर्वे के तहत संतोषजनक जवाब नहीं देने वालों से लेकर फ्लैट् लॉक रखने वालों और जानकारी देने से इंकार करने वालों को भी शोकॉज नोटिस भेज रहा है. सीएचबी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यशपाल गर्ग का कहना है कि जिन फ्लैट्स में असली अलॉटी नहीं मिले उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. 22 फ्लैट्स का अलॉटमैंट कैंसिल करने के साथ ही अब अलॉटियों और खरीददारों के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है. यशपाल गर्ग का कहना है कि सर्वे के दौरान करीब 636 फ्लैट्स लॉक पाए गए थे. जबकि 168 लोगों ने सर्वे करने वाले कर्मचारियों को जानकारी देने से इंकार कर दिया था. उनको को शोकॉज नोटिस भेजे जा रहे है.


सर्वे के दौरान देनी थी आवंटन की जानकारी 


चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने स्मॉल फ्लैट्स और अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत आवंटित फ्लैट्स का सर्वे करवाया गया था. सर्वे के दौरान फ्लैट में रह रहे व्यक्ति को फ्लैट का आवंटन पत्र और अपना पहचान पत्र दिखाना था. अगर उस समय फ्लैट में आवंटी मौजूद ना हो तो उसके परिवार का सदस्य जो वहां मौजूद थे, दस्तावेज दिखा सकते थे, लेकिन उसे आंवटी से अपने रिश्ते का सबूत भी दिखाना था. जो इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाए उनपर अब कार्रवाई होगी. वहीं, बोर्ड ऐसे लोगों के फ्लैट आवंटन भी रद्द कर सकती है, जिन्होंने आगे फ्लैट को बेचा हो. उनपर पुलिस कार्रवाई भी की जाएगी.


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