Watch: SC के चीफ जस्टिस के सवालों पर सकपकाए अनिल मसीह, CCTV देखने के सवाल पर कही ये बात
Chandigarh Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर फिर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट की तरफ से रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई गई.

Chandigarh Mayor Chunav: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की. इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की तरफ से रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई गई. न्यायाधीशों ने कुछ मतपत्रों में कथित छेड़छाड़ के मामले में अनिल मसीह से सवाल किए. न्यायाधीशों के सवालों का जवाब देते हुए अनिल मसीह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही ‘‘विरूपित’’ आठ मतपत्रों पर ‘‘एक्स’’ चिह्न लगाया है.
कोर्ट ने पूछा- आप बार-बार CCTV क्यों देख रहे थे?
अनिल मसीह ने आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों पर हंगामा करने और मतपत्र छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते वह मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तरफ देख रहे थे. निर्वाचन अधिकारी ने आठ मतपत्रों पर ‘‘एक्स’’ निशान लगाने की बात स्वीकार करते हुए दावा किया कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया ताकि वे मिश्रित न हो जाएं. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘आप मतपत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. लेकिन आप उन मतपत्रों पर ‘एक्स’ चिह्न क्यों लगा रहे थे. आपको ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं था. आपके ऊपर मुकदमा चलना चाहिए.
CJI: मसीह, आप बैलट पर निशान क्यों लगा रहे थे?
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) February 19, 2024 [/tw]
मसीह: जो बैलट Defaced हो गए थे उन्हें अलग करने के लिए
CJI: कितने बैलट पर मार्क लगाए?
मसीह: 8
CJI: इनपर मुकदमा चलेगा. चुनावी लोकतंत्र के साथ रिटर्निंग ऑफिसर का यह बर्ताव जघन्य पाप है pic.twitter.com/sNz4a9hbw2
हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी चुनौती
वही आम आदमी पार्टी के नेता के वकील ने कहा कि मसीह बीजेपी की अल्पसंख्यक शाखा के सदस्य थे और उनके कदाचार के बावजूद चुनाव प्रक्रिया को अब तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जा सकता है. इस दलील का सॉलिसिटर जनरल ने इस आधार पर विरोध किया कि माना जाता है कि कुछ मतपत्र फटे हुए हैं.
बता दें कि AAP पार्षद कुलदीप कुमार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. आप नेता ने दावा किया है कि गठबंधन के पास नगर निकाय में भाजपा के 16 के मुकाबले 20 वोट थे और गठबंधन के आठ मतपत्रों को ‘‘विरूपित’’ करके उन्हें अमान्य कर दिया गया था.
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