Chandigarh News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चंडीगढ़ कांग्रेस की तरफ से याचिका दायर की गई. इसको लेकर वकील करणबीर सिंह ने बताया कि हमने पिछली रिट याचिकाओं को जारी रखते हुए एक रिट याचिका दायर की है. हमने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को भी चुनौती दी है. हमने यह भी पूछा है कि 8 वोट क्यों अमान्य किए गए.


‘सुप्रीम कोर्ट ने बताया था लोकतंत्र का मजाक’


बता दें कि इससे पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. इस दौरान चीफ जस्टिस डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने पीठासीन अधिकारी का वीडियो देखकर नाराजगी जताई. उनकी तरफ से कहा गया कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत कर दिया है.


सुप्रीम कोर्ट का कहना है, "क्या वह इसी तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम हैरान हैं. इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है?" सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से बैलेट पेपर, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया गया था. 



चंडीगढ़ में NSUI का जोरदार प्रदर्शन
वहीं चंडीगढ़ में बुधवार को कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय तक मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जब आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की और उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया. वहीं एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को गिरफ्तार करने की मांग की. 


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