(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Watch: पंजाब AAP ने शेयर किया चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान का नया वीडियो, देखें- क्या कर रहे हैं रिटर्निंग ऑफिसर?
Chandigarh Mayor Polls: आम आदमी पार्टी की ओर चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान का रिटर्निंग अधिकारी का नया वीडियो 'एक्स' पर पोस्ट किया गया है. आप ने कहा है कि यह बीजेपी की तानाशाही का जीता जागता सबूत है.
Chandigarh: सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह की ओर से चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 'मतपत्रों को विकृत' करने के मामले में 19 फरवरी को अदालत में उपस्थित होने के लिए तलब किया है. इस बीच पंजाब आम आदमी पार्टी की ओर से रिटर्निंग अधिकारी का एक और वीडियो सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया गया है. आप ने दावा किया कि अधिकारी अनिल मसीह को मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हुए कैमरे में पकड़े गए हैं.
आप की ओर से मांग की गई है कि अनिल मसीह को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही आप ने बीजेपी पर हमला बोला है. आप की ओर वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा गया है, "बीजेपी के लोग सहमत नहीं हैं. इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? देखिए कैसे बीजेपी के पीठासीन अधिकारी ने खुलेआम वोट रद्द कर लोकतंत्र के झंडे की धज्जियां उड़ा दीं. यह बीजेपी की तानाशाही का जीता जागता सबूत है." पंजाब आप की ओर से जो वीडियो पोस्ट किया गया है, उसमें दिख रहा है कि रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह कैमरे की ओर देखते हैं और मतपत्र पर कुछ लिखते हैं. फिर अनिल मसीह जहां (मतपत्र के) नीचे एक क्रॉस है, वह एक ट्रे में रख दते हैं.
ਹੁਣ ਤਾਂ ਮੰਨ ਜਾਓ @BJP4India ਵਾਲਿਓ!
— AAP Punjab (@AAPPunjab) February 5, 2024
ਇਸਤੋਂ ਵੱਡਾ ਸਬੂਤ ਹੋਰ ਕੀ ਹੋ ਸਕਦੈ। ਦੇਖੋ ਕਿਵੇਂ BJP ਦੇ Presiding Officer ਨੇ ਸ਼ਰੇਆਮ ਖ਼ੁਦ ਹੀ ਵੋਟਾਂ ਕੈਂਸਲ ਕਰਕੇ ਉਡਾਈਆਂ ਲੋਕਤੰਤਰ ਦੀਆਂ ਧੱਜੀਆਂ।
ਇਹ ਭਾਜਪਾ ਦੀ ਤਾਨਾਸ਼ਾਹੀ ਦਾ ਜਿਉਂਦਾ ਜਾਗਦਾ ਸਬੂਤ ਹੈ।#ChandigarhMayor pic.twitter.com/BIxIhrwRv6
चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक पर लगी रोक
बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है, "सुनवाई के दौरान, वीडियो अदालत में चलाया गया है. रिटर्निंग अधिकारी को वीडियो में दिख रहे अपने आचरण को स्पष्ट करने के लिए लिस्टिंग की अगली तारीख पर इस अदालत के समक्ष उपस्थित रहना होगा." इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठक, जो 7 फरवरी को होने वाली है, अगले आदेश तक स्थगित रहेगी.
आप-कांग्रेस गठबंधन की हुई थी हार
दरअसल, अधिकतम पार्षद होने के बावजूद आप-कांग्रेस गठबंधन मुकाबला हार गया क्योंकि 36 में से आठ वोटों को पीठासीन प्राधिकारी मसीह ने मतदान के अधिकार के बिना अवैध घोषित कर दिया. बीजेपी को 16 वोट मिले, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के पास 20 पार्षद होने के बावजूद 12 वोट रह गये. मसीह मनोनीत पार्षद हैं, जिनके पास वोट देने का अधिकार नहीं है.
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