Chandigarh Mayor Elections 2024 Highlights: नहीं हो सका चंडीगढ़ मेयर चुनाव, HC पहुंचा मामला, जानें- आज क्या-क्या हुआ?
Chandigarh Mayor Election 2024 Highlights: चंडीगढ़ में आज नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए मतदान नहीं हो सका. 23 जनवरी को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होगी.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव गुरुवार को नहीं हो सका. इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने चुनाव कराने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है. हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई 23 जनवरी को होगी.
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर कहा, "हम आज भी चुनाव प्रशासन से यही विनती करेंगे कि अगर एक पीठासीन अधिकारी बीमार हुआ है तो दूसरा पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाए. चुनाव आज निर्धारित थे. बीजेपी पहले चुनाव सचिव को बीमार करती है फिर पीठासीन अधिकारी को बीमार करती है और फिर चुनाव रद्द करती है. यह साफ दिखाता है कि कायर बीजेपी इंडिया गठबंधन से डर गई."
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल ने कहा, "मुझे जानकारी मिली है कि बीजेपी ने मेयर चुनाव टालने की मंशा से पीठासीन अधिकारी को अस्पताल में भर्ती कराया है. उन्होंने पूरी तरह से अलोकतांत्रिक काम किया है."
चंडीगढ़ मेयर चुनाव शुरू नहीं होने पर कांग्रेस पार्षद और सीनियर डिप्टी मेयर के उम्मीदवार गुरप्रीत गाबी ने कहा है कि बीजेपी पुलिस प्रशासन से मिलकर सरेआम संविधान की धज्जियां उड़ा रही हैं.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हार से डर रही है, यही वजह है कि चुनाव नहीं करना चाहती. कांग्रेस नेता पवन बंसल का कहना है कि कांग्रेस हाईकोर्ट जाएगी.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव शुरू होने से पहले जोरदार हंगामा हो गया है. ऐसे में 11:00 बजे चुनाव शुरू नहीं हो पाया है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों का कहना है कि अंतिम समय में पीठासीन अधिकारी की तबीयत खराब का बहाना बनाया गया.
चंडीगढ़ के एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा है कि आज मेयर चुनाव के मद्देनजर हमने 600 से ऊपर पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. RAF की भी तैनाती की गई है. हमने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं. नगर निगम भवन में केवल वे ही लोग जा सकते हैं जो या तो मतदाता हैं, उम्मीदवार हैं या जिनके पास नागरिक प्रशासन की ओर से दिया गया पास है.
चंडीगढ़ नगर निगम में चुनाव को लेकर कार्यालय के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. 600 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके साथ ही 4 डीसएपी भी लगाए गए हैं. निगम आने-जाने वाले सभी रास्तों पर नाके लगाए गए हैं.
चंडीगढ़ मेयर का चुनाव I.N.D.I.A गठबंधन का BJP से पहला मुकाबला है. कांग्रेस-AAP साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. 8 सालों से बीजेपी का मेयर पद पर कब्जा है.
चंडीगढ़ में आज धुंध का येलो अलर्ट जारी है. घनी धुंध छाई हुई है. इस बीच नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए मतदान होना है.
बैकग्राउंड
Chandigarh Mayor Election Highlights चंडीगढ़ में सियासी पारा आज पूरी तरह गर्म रहा. गुरुवार को नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए मतदान नहीं हो सका. पहली बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिसने चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में स्थित नगर निगम कार्यालय में सुबह 11 बजे से मतदान शुरू होना था. सबसे पहले मेयर पद लिए वोट डाला जाने वाला था, उसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर और फिर डिप्टी मेयर के लिए वोटिंग होनी थी, लेकिन नहीं हो पाया.
चंडीगढ़ नगर निगम में हर साल मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए मतदान करवाया जाता है. तीनों पदों के उम्मीदवारों का कार्यकाल एक साल तक का रहता है. चंडीगढ़ मेयर का पद इस साल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. मेयर पद के लिए सिर्फ पार्षद मतदान करते है जनता इसमें वोट नहीं करती.
किस पद के लिए कौन है मैदान में?
बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के मेयर प्रत्याशी मनोज सोनकर और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी गठबंधन से कुलदीप कुमार मेयर उम्मीदवार है. वहीं बीजेपी से सीनियर डिप्टी मेयर के लिए कुलदीप संधू और डिप्टी मेयर पद के लिए राजिंदर शर्मा मैदान में है. कांग्रेस की तरफ से सीनियर डिप्टी मेयर के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह गैबी और डिप्टी मेयर पद के लिए निर्मला देवी चुनाव मैदान में है.
खतरे में बीजेपी की बादशाहत
चंडीगढ़ नगर निगम में मौजूदा समीरकरण के हिसाब से 35 सदस्य है. इसमें बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 14 पार्षद हैं तो वहीं एक वोट चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर का भी है. आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद हैं. कांग्रेस के 7 तो अकाली दल का एक पार्षद हैं कांग्रेस-AAP के गठबंधन के बाद मेयर चुनाव के समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं. मेयर बनने के लिए 19 वोट की जरूरत होती है. कांग्रेस-AAP का गठबंधन होने से इनके 20 वोट हो जाते हैं. ऐसे में इस बार बीजेपी की बादशाहत खतरे में दिखाई दे रही है.
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