Digvijay Singh On EVM: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) पर अपना विरोध दोहराते हुए बुधवार (21 फरवरी) को कहा कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में गलत काम सामने नहीं आते अगर यह मतपत्रों के बजाय ईवीएम से कराया गया होता. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर चुनाव के नतीजे को पलट दिया, जिसमें बीजेपी उम्मीदवार एक अप्रत्याशित विजेता बनकर उभरे थे. न्यायालय ने चुनाव अधिकारी की तरफ से अमान्य घोषित आठ मतपत्रों पर विचार करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को शहर का नया महापौर घोषित किया.
ईवीएम का विरोध कर रहे राज्यसभा सदस्य ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा कि ‘‘चूंकि मतदान मतपत्रों से हुआ, इसलिए चोरी पकड़ी गई. यदि यही मतदान ईवीएम से होता तो यह चोरी पकड़ी नहीं जाती. इसलिए, चुनाव केवल मतपत्रों से होने चाहिए.’’ सिंह ने कहा कि मुझे ईवीएम पर भरोसा नहीं है. दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों में चुनाव मतपत्र से ही होते हैं. उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में (230 सीट में से) कांग्रेस ने डाक मतपत्रों के आधार पर 199 सीट जीतीं, लेकिन ईवीएम में उसे हार मिली.
महापौर चुनाव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फौसला
चंडीगढ़ महापौर चुनाव संबंधी विवाद पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि निर्वाचन अधिकारी ने आठ मतपत्रों को विकृत करने का जानबूझकर प्रयास किया. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के हित में या तो मतदान, मतपत्रों के माध्यम से कराया जाना चाहिए या मतदाता को अपने हाथ से वीवीपैट पर्ची एक बॉक्स में डालने की अनुमति दी जानी चाहिए.
वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) ईवीएम से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनका वोट उनके इच्छित उद्देश्य के अनुसार डाला गया है. आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर सिंह ने कहा कि वह राज्यसभा के सदस्य हैं और संसद के उच्च सदन में उनके पास दो साल और हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सिंधिया (केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री) के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं है. मेरा लोकसभा चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है.’’
कमलनाथ मुद्दे पर बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया
हालांकि, मंगलवार को जब सिंह से पूछा गया था कि क्या वह गुना से सिंधिया के खिलाफ आम चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह ऐसा करेंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में, सिंधिया ने कांग्रेस के टिकट पर गुना से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. वह 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बीजेपी में शामिल होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि उनकी ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है. बीजेपी ने 2019 में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीट में से 28 पर जीत हासिल की थी. कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ राज्य में (छिंदवाड़ा से) जीतने वाले एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार थे.
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