क्या राहुल गांधी बनेंगे लोकसभा में विपक्ष के नेता? चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी ने किया बड़ा दावा
Rahul Gandhi as Opposition Leader: लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष किसे बनाया जाएगा.
Manish Tiwari on Rahul Gandhi as Leader of Opposition: नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं तो अब चर्चा लोकसभा के विपक्ष के नेता को लेकर शुरू हो गई है. कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) विपक्ष के नेता बनें. इसको लेकर चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने अपनी राय जाहिर की है. मनीष तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने कांग्रेस में जान फूंकी है. यह उचित रहेगा कि वह विपक्ष के नेता बनें.
मनीष तिवारी ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा, '' राहुल गांधी ने पांच साल में बहुत काम किया है. भारत जोड़ो यात्रा ने कंग्रेस में जान फूंकी है. ये उचित रहेगा कि अगर वह नेता विपक्षबनें. लेकिन आज जो मीटिंग हो रही है. वह सीपीपी के चेयरपर्सन के लिए हो रही है. कांग्रेस की परंपरा रही है कि जो चेयरपर्सन होता है वह नेता विपक्ष को नियुक्त करता है. उसी परंपरा का भी इस बार पालन किा जाएगा.''
वहीं, बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर मनीष तिवारी ने कहा, ''अगर इस सारे चुनाव को एक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो एनडीए को 294 मिला है. कांग्रेस ने अपने दम पर 99 सीट जीत लिया. कांग्रेस को महाराष्ट्र में एक निर्दलीय ने समर्थन दे दिया है तो हम 100 के आंकड़े पर पहुंच गए हैं. नैतिक दृष्टि से बीजेपी की हार है. एनडीए की जो नीतियां थी जानता ने उसे खारिज किया है. लोकतंत्र में जिसके पास आंकड़े होते हैं वह सरकार बनाता है. नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेंगे.''
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— ABP News (@ABPNews) June 8, 2024
abp न्यूज़ पर कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद मनीष तिवारी (@ManishTewari) का EXCLUSIVE इंटरव्यू संवाददाता @AshishSinghLIVE के साथ@akhileshanandd |… pic.twitter.com/m05etk5EE3
अहंकार का नकारात्मक होता है परिणाम- मनीष तिवारी
पीएम मोदी ने एनडीए की संसदीय दल की बैठक में कहा था कि 2014, 2019 और 2024 के चुनाव में मिलाकर कांग्रेस को जितनी सीटें आई हैं उससे ज्यादा इस चुनाव में बीजेपी को आई है. इसको लेकर मनीष तिवारी ने कहा, ''अहंकार का कोई इलाज नहीं. कोई भी व्यक्ति अगर अंहकार करता है वह परिणाम नकारात्मक होता है.
सबसे बड़ा अभिप्राय यह है कि 2024 में वही दक्षिण एशिया के नेता आ रहे हैं जो 2014 में आए थे. जो नहीं आ रहे हैं वह पाकिस्तान के पीएम हैं. मूल्यांकन तो इस बात का है कि शपथ ग्रहण में कौन आ रहे हैं. अगर वही आ रहे हैं जो 2014 में आए थे तो फिर आपने 10 साल में कूटनीतिक स्तर के ऊपर क्या पाया है.''
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