Chandigarh News: पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ को लेकर छिड़ा विवाद और ज्यादा बढ़ गया है. चंडीगढ़ का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बरकरार रखने के लिये नगर निगम ने एक प्रस्ताव पारित किया. इसके साथ ही इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि दिल्ली की तरह चंडीगढ़ की अपनी विधानसभा होनी चाहिये.


चंडीगढ़ पर दावेदारी को लेकर पंजाब और हरियाणा में जारी रस्साकशी के बीच निगम ने यह प्रस्ताव पारित किया है. पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की विधानसभाओं ने हाल में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पर अपने दावे को दोहराते हुए अपने-अपने प्रस्ताव पारित किए हैं. चंडीगढ़ फिलहाल दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी है.


प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि केंद्र को इस मामले में हस्तक्षेप कर हरियाणा और पंजाब सरकारों को अपनी अलग-अलग राजधानी बनाने का निर्देश देना चाहिये. प्रस्ताव पारित होने पर नगर निगम के सदन में केवल भाजपा पार्षद मौजूद थे. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के पार्षदों ने वॉकआउट किया.


चंडीगढ़ पर हरियाणा और पंजाब ने ठोंका दावा


चंडीगढ़ नगर निगम की महापौर व भाजपा नेता सरबजीत कौर ने निगम की आम सभा की विशेष बैठक बुलाई थी. प्रस्ताव में कहा गया है, ''चंडीगढ़ के निवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसका केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बरकरार रखा जाना चाहिए. बल्कि चंडीगढ़ में विधान सभा का गठन किया जाना चाहिए ताकि निवासियों को शहर की नीतियों और भविष्य के बारे में खुद निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा सके.''


चंडीगढ़ को लेकर छिड़े ताजा विवाद की शुरुआत पिछले हफ्ते से हुई है. पहले पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पर दावे को लेकर प्रस्ताव पास किया गया था. इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए हरियाणा विधानसभा में भी चंडीगढ़ पर दावे को लेकर प्रस्ताव पास किया गया.


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