Chandigarh News: चंडीगढ़ में ओपीडी पंजीकरण के लिए भारी भीड़ को देखते हुए, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) शहर के सभी संपर्क केंद्रों पर मामूली शुल्क के भुगतान पर पंजीकरण प्रक्रिया उपलब्ध कराने की संभावना तलाश रहा है. इस कदम का उद्देश्य ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर कतारबद्ध मरीजों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करना है. पीजीआई के निदेशक डॉ विवेक लाल ने कहा, “हम शहर के सभी संपर्क केंद्रों पर उपलब्ध पीजीआई में ओपीडी के लिए पंजीकरण कराने का विकल्प तलाश रहे हैं. इससे ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर हमारे मरीजों की प्रतीक्षा अवधि निश्चित रूप से कम हो जाएगी."


फिलहाल ये है पंजीकरण का समय


पीजीआई में किसी भी दिन 10,000 से अधिक ओपीडी पंजीकरण किए जा रहे हैं. वर्तमान में, पंजीकरण का समय 2019 में तीन घंटे (सुबह 8 से 11 बजे) के मुकाबले दो घंटे (सुबह 8 से 10 बजे) तक सीमित है, जिसके कारण कुछ रोगियों को खिड़की से वापस होना पड़ता है क्योंकि दो घंटे में उनकी बारी नहीं आती है. कई मरीजों को पंजीकरण काउंटर खुलने से पहले ही सुबह से ही कतार में लगना पड़ता है ताकि वे समय पर पंजीकरण कार्ड बनवा सकें.


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पहले भी किए गए हैं ऐसे प्रयास


पीजीआई के अधिकारी इस योजना पर काम कर रहे हैं और इसे चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपेंगे. बकौल द ट्रिब्यून, 10 सितंबर को सैक्टर 16 (जीएमएसएच-16) स्थित सरकारी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में ओपीडी के लिए पंजीकरण की सुविधा सेक्टर 15 स्थित संपर्क केंद्र में पायलट आधार पर शुरू की गई थी. बाद में शहर भर के 10 संपर्क केंद्रों पर सुबह 8 बजे से 11 बजे तक 10 रुपये के भुगतान पर यह सुविधा उपलब्ध कराई गई, लेकिन इसे अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसलिए ई-संपर्क में पंजीकरण कराने की सुविधा बंद कर दी गई थी.


स्वास्थ्य सचिव ने बताई यह बात


चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने कहा कि, "अगर पीजीआई संपर्क केंद्रों पर ओपीडी पंजीकरण शुरू करता है तो यह एक अच्छा कदम होगा. हमने जीएमएसएच -16 के लिए भी यही सुविधा शुरू की थी, लेकिन अस्पताल में पीजीआई की तुलना में कम लोग थे. पायलट प्रोजेक्ट ने काम नहीं किया क्योंकि कई मरीज सीधे जीएमएसएच-16 में जाएंगे. अगर पीजीआई परियोजना सफल होती है, तो हम शहर के अन्य सरकारी अस्पतालों के लिए सुविधा शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं."


इसके अलावा, पीजीआई एक कतार प्रबंधन सॉफ्टवेयर पर भी काम कर रहा है जो मरीजों को उनके टोकन नंबर के आधार पर डॉक्टर को देखने के लिए उनकी बारी के बारे में सचेत करेगा. पीजीआई ने अब तक कुछ काउंटरों पर ऑनलाइन भुगतान प्रणाली शुरू की है.


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