PGs mushrooming without NOC: चंडीगढ़ में दमकल विभाग (Chandigarh Fire Department) के नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है. आग लगने की पिछली घटनाओं से सबक न लेते हुए शहर में बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)किरायेदारों के लिए कई पेइंग गेस्ट (PG) निवास स्थान धड़ल्ले से चल रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 फीसदी पीजी के पास एनओसी नहीं है.
दरअसल, दो साल पहले ही एक पीजी में आग लगने के दर्दनाक हादसे में तीन लड़कियों की मौत हो गई थी. सेक्टर 32 में अग्निशमन नियमों के उल्लंघन (fire-safety violations) को देखते हुए दमकल विभाग (Fire Department) ने पीजी चलाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था. शहर में संचालित सैकड़ों पीजी में से कुछ ने अनापत्ति प्रमाण पत्र बनवाने की जहमत उठाई है. 70 फीसदी पीजी के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र है.
शहर के सभी सेक्टरों में पीजी की भरमार कुकुरमुत्तों की तरह हो गई है लेकिन ज्यादातर सेक्टर 15, 21, 22, 32, 34, 35 और 36 सेक्टर में हैं. इनमें से ज्यादातर के घर के बाहर से पीजी की तख्ती गायब है. जहां पीजी चल रहे हैं वहां घर के बाहर 'टू लेट' (To Let) और 'फॉर रेंट' (For Rent) की तख्तियां लटक रही हैं. सेक्टर 15 में जहां कई घरों के बाहर 'PG available' के बोर्ड हुआ करते थे, अब वहां 'To let' की तख्तियां लगी दिख रही हैं.
स्थानीय छात्रों ने भी मीडिया से बातचीत में पुष्टि की है कि वे पीजी में रह रहे हैं लेकिन घर के बाहर 'टू लेट' का बोर्ड लगा हुआ है.
फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन्स चंडीगढ़ (FOSWAC) के अध्यक्ष बलजिंदर सिंह बिट्टू (Baljinder Singh Bittu) ने मीडिया से कहा, “जांच न होने के कारण शहर में अवैध पीजी कुकुरमुत्तों की तरह फैल रहे हैं. अधिकारियों को उन स्थानों का निरीक्षण करना चाहिए जहां किराये के आवास की आड़ में पीजी चल रहे हैं. लगता है कि सरकार के लिए अग्नि सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है. वे केवल तभी जागतें है जब कुछ हादसे होते हैं.”
वहीं, नगर निगम के अधिकारियों ने कहा पीजी पंजीकरण से संबंधित मामला संपत्ति कार्यालय के अंतर्गत आता है और फायर एनओसी लेना जरूरी है. नगर निगम आयुक्त अनिंदिता मित्रा (Anindita Mitra) ने कहा, ''हम फायर एनओसी से संबंधित एक सर्वेक्षण कराएंगे और जरूरी कार्रवाई की जाएगी.''
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