Chandigarh News: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court )ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा कि अब विधवा महिला अपने पति के भाई शादी करे तो उसे भी फैमिली पेंशन (Family Pension) का हकदार माना जाएगा. हाईकोर्ट ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब की रहने वाली एक सैनिक की विधवा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है. लेकिन इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा है कि सैनिक की विधवा को वो पेंशन तभी मिल पाएगी जब परिवार के अन्य उत्तराधिकारी भी उसका समर्थन करें. 


पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बुधवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब (Fatehgarh Sahib) की रहने वाली सुखजीत कौर की याचिका पर सुनवाई की. याचिका में सीएटी, चंडीगढ़ द्वारा पारित 2016 के एक आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसमें सुखजीत कौर के फैमिली पेंशन के दावे को खारिज कर दिया गया था. याचिका में बताया गया था कि सुखजीत कौर के पति मोहिंदर सिंह ने 1964 में IAF में भर्ती हुई थी. लेकिन 1971 में उन्हें चिकित्सा के आधार पर सेवा से छुट्टी दे दी गई और उन्हें विकलांगता पेंशन दी थी. जिसके बाद उन्हें नागरिक कर्मचारी के रूप में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)  में शामिल किया था और साल 1974 में सुखजीत कौर से शादी हुई लेकिन एक साल बाद भी मोहिंदर सिंह का निधन हो गया. तो कुछ समय सुखजीत कौर ने मोहिंदर सिंह के भाई से शादी कर ली. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा उसको मिल रही फैमिली पेंशन को रोक दिया गया. 


हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति की विधवा में कोई अंतर नहीं होना चाहिए जिसकी मृत्यु सैन्य सेवा के दौरान हुई हो या फिर तबीयत बिगड़ने के कारण हुई हो. हाईकोर्ट के जस्टिस एम एस रामचंद्र राव और जस्टिस सुखविंदर कौर ने कहा कि यह मामले में भी लागू होता है कि हम 'सैन्य सेवा' शब्द के स्थान पर 'सरकारी सेवा' शब्द का जिक्र करते हैं.


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