Chandigarh Pet Bylaws: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने मंगलवार को चंडीगढ़ के Pet Bylaws को मूल नगर निगम अधिनियम के अनुरूप लाने के खिलाफ मतदान किया, जिसने म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन को बायलॉज का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया गया. ऐसा होने पर अब चंडीगढ़ में कुत्तों को कहीं भी घूमाने पर चालान नहीं काटा जाएगा.
आप आर्टी और कांग्रेस पार्षदों ने पेट बायलॉज एजेंडे को किया खारिज
बता दें कि मंगलवार को सदन की बैठक के दौरान, म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ने 2020 में की गई एक कानूनी गलती को ठीक करने की मांग की थी. उस दौरान उसने एमसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत बायलॉज का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था. वहीं केंद्र शासित प्रशासन ने जुर्माने को भी अधिसूचित किया था. हालांकि आप आर्टी और कांग्रेस पार्षदों ने एजेंडे को खारिज कर दिया. ऐसे में सही बायलॉज अधर में लटके होने से, एमसी उल्लंघन करने वालों को दंडित नहीं कर पाएगी.
कितना कर दिया गया था जुर्माना
गौरतलब है कि 2020 में, एमसी ने उल्लंघन के लिए जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया था. बता दे कि मूल अधिनियम 500 से अधिक के जुर्माने की अनुमति नहीं देता है. इसी तरह, यदि किसी कुत्ते को हिरासत में लिया जाता है या जब्त कर लिया जाता है, तो शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया था और उल्लंघन जारी रखने वालों पर शुल्क सात दिनों के लिए 20 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया था. बता दें कि ये सभी बढ़ोतरी मूल अधिनियम द्वारा निर्धारित दंड की ऊपरी सीमा का उल्लंघन है. इसे लेकर सदन नाखुश दिखा जिसके बाद वोटिंग कराने का प्रस्ताव रखा गया. इस दौरान बीजेपी के 13 पार्षदों ने प्रस्ताव को पास करने के पक्ष में मतदान किया था. वहीं आप पार्टी और कांग्रसे ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग कर इसे खारिज कर दिया. इसके बाद एमसी कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा कि जब तक उपनियमों के तहत सूचीबद्ध जुर्माना एमसी अधिनियम के अनुरूप नहीं होता, तब तक निगम उल्लंघन करने वालों को दंडित नहीं कर सकता है.
बता दें कि वर्षों तक पेट बायलॉज को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल रहने के बाद, एमसी ने हाल ही में उन्हें आक्रामक रूप से लागू करने और 1 अप्रैल से उल्लंघन करने वालों को दंडित करने का निर्णय लिया था. हालांकि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी करने से पहले, एमसी आयुक्त ने उनकी कानूनी जांच का आदेश दिया. जांच में पता चला कि जुर्माना कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है.
क्या है पेट बायलॉज
बायलॉज में पालतू कुत्तों के सुखना लेक में प्रवेश पर रोक हैं. इसके अलावा सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों, जैसे कि रोज गार्डन, रॉक गार्डन, लीजर वैली, शांति कुंज, टैरेस गार्डन और गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस में भी एंट्री नहीं मिल सकती है, वहीं यदि कोई पालतू जानवर खुले में शौच करता है, तो उसके मालिक को उसके बाद सफाई करनी पड़ती है. पालतू कुत्तों के पंजीकरण और टीकाकरण प्रमाण पत्र जमा करने के अलावा, उपनियमों में कहा गया है कि कुत्तो को अगर वॉक पर ले जा रहे हैं तो क्रूर कुत्तों का मुंह बंद कर दिया जा और कुत्ते के कॉलर पर मेटल रजिस्ट्रेशन टोकन भी जरूर होना चाहिए. उपनियम प्रति परिवार केवल दो कुत्तों की अनुमति देते हैं और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कुत्तों के प्रजनन पर प्रतिबंध लगाते हैं. वहीं अगर कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है या उन्हें या उनकी संपत्ति को कोई अन्य नुकसान पहुंचाता है, तो मुआवजे का भुगतान उसके मालिक को करना पड़ेगा. कुत्तों के शवों को खुले में नहीं फेंका जा सकता और उन्हें एमसी द्वारा निर्धारित दफन स्थानों पर दफनाया जाना चाहिए. बता दें कि अब तक, लगभग 9,500 पालतू कुत्तों को एमसी के साथ पंजीकृत किया जा चुका है.
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