Chandigarh News: देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इस बीच डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं. पीजीआई चंडीगढ़ कैंपस में 4 जनवरी को 90 स्वास्थ्य कर्मचारियों और 37 डॉक्टरों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. बता दें कि 12 दिसंबर 2020 से, 285 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी और संस्थान के डॉक्टर कोविड संक्रमित मिले हैं. जिनमें अधिकांश टीके की दोनों डोज ले चुके हैं, कुछ को टीका नहीं लगा है, जबकि कुछ लोगों ने केवल एक ही डोज ली है.


बच्चों का टीकाकरण हो जाना एक महत्वपूर्ण कदम


डॉ पीवीएम लक्ष्मी, प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पीजीआई का कहना है कि अब तक संक्रमण हल्के रहे हैं और जब वे स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर भारी पड़ेंगे, तो उन्हें उम्मीद है कि वे संकट से निपट लेंगे. उन्होंने बताया कि पिछली बार आइसोलेशन दस दिन का था, और अब यह सात दिन है, इससे भी मदद मिलेगी. पूरे देश में टीकाकरण गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचा रहा है, यह एक अच्छा संकेत है. बच्चों का टीकाकरण और वरिष्ठों के लिए एहतियाती डोज, वह भी महत्वपूर्ण है.


'गैर-टीकाकरण या आंशिक रूप से टीकाकरण में, ओमिक्रोन गंभीर हो सकता है'


पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर राकेश कोचर का कहना है कि ओमिक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि यह ज्यादा तेजी से फैलता है. प्रोफेसर कोचर कहते हैं, हालांकि इससे हल्की बीमारी ही हो रही है लेकिन बिना टीकाकरण वाले, आंशिक रूप से टीका लगवाए लोग, बुजुर्गों या बीमारियों वाले लोगों में यह गंभीर हो सकता है.


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